बुंदेली डिक्शनरी

बुंदेली हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश

बुंदेली शब्दकोश का महत्व

बुंदेली भाषा का इतिहास बहुत समृद्ध है। जानकारों के अनुसार जिस तरह इस भाषा के शासकीय पत्र व्यवहार, संदेश, बीजक, राजपत्र और मैत्री संधियों के अभिलेख मिलते हैं, उससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्राचीन काल में यह शासकीय कामकाज की एक प्रमुख भाषा थी। मुगल शासक औरंगज़ेब और मराठा छत्रप शिवाजी महाराज बुंदेलखंड क्षेत्र के तत्कालीन हिंदू राजाओं से बुंदेली में पत्र व्यवहार करते थे। आज भी यह बुंदेलखंड की लोकप्रिय भाषा है। उत्तर प्रदेश के झाँसी, महोबा, बाँदा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर और चित्रकूट तथा मध्य प्रदेश के छतरपुर, पन्ना, सागर, टीकमगढ़, दमोह, भिंड, सतना, दतिया एवं विदिशा जिलों में यह भाषा व्यापक रूप से बोली जाती है। इसे बोलने वालों की संख्या क़रीब दो करोड़ है।

बुंदेली भाषा के साहित्य की बात करें तो दसवीं-ग्यारहवीं सदी में इसका आरंभिक दौर मौखिक काव्य परंपरा से शुरू हुआ था। इस परंपरा में जगनिक रचित आल्हखंडको  बुंदेली का प्रथम महाकाव्य माना जाता है। इसके बाद चौदहवीं सदी तक वीरगाथात्मक काल रहा। तमाम साहित्यकारों ने इस भाषा को समृद्ध किया। 17वीं और 18वीं सदी तक बुंदेली न सिर्फ़ राजकाज, बल्कि साहित्यिक भाषा के रूप में भी मान्यता हासिल कर गई। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बुंदेली साहित्य की अहम भूमिका रही। शब्द संपदा और व्याकरण की दृष्टि से देखें तो बुंदेली अपने समाज की भाषा संबंधी हर आवश्यकता को पूरी करने में सक्षम है। यही वजह है कि ठेठ बुंदेली आज भी अपना अस्तित्व बनाए हुए है। हिन्दवी डिक्शनरीने इस प्राचीन भाषा की शब्द-संपदा को भाषाओं के संरक्षण और संवर्द्धन की अपनी योजना में शामिल किया है। इससे बुंदेली में रुचि रखने वालों को बुंदेली शब्दकोशकी सुविधा भी मिल रही है।

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