मैथिली डिक्शनरी
मैथिली हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश
मैथिली शब्दकोश का महत्व
विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक ‘मैथिली’ का इतिहास
पौराणिक काल से जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है कि रामायण काल में मिथिला राज्य
की यह भाषा थी। उस समय यहाँ के राजा जनक थे। नेपाल के जनकपुर को मैथिली का
महत्वपूर्ण केंद्र कहा जाता है। मैथिली की लिपि ‘मिथिलाक्षर’ को ‘तिरहुता’ या ‘वैदेही’ के नाम से
भी जाना जाता है। जानकारों के अनुसार असमिया, बांग्ला, ओड़िया
लिपियों पर भी इसका प्रभाव है। कालांतर में देवनागरी लिपि में भी मैथिली लिखी जाने
लगी। मैथिली में जिस तरह संस्कृत के शब्दों का प्रयोग होता है, उससे
स्वाभाविक तौर पर हर कोई यही समझेगा कि संस्कृत ही इसका प्रमुख स्रोत है। ‘प्राकृत’ और ‘अपभ्रंश’ ने इसके
विकास को गति दी। उत्तरी, दक्षिण, पूर्वी तथा
पश्चिमी मैथिली के अलावा छिका-छिकी और जोलहा मैथिली की उपबोलियाँ हैं। मैथिली का
साहित्य काफ़ी समृद्ध है। चौदहवीं-पंद्रहवीं शताब्दी के जाने-माने मैथिली कवि विद्यापति देश-विदेश में
प्रसिद्ध हैं। उनके बाद गोविंद दास, चंदा झा, मनबोध, पंडित
सीताराम झा, जीवनाथ झा आदि कई अन्य साहित्यकारों ने इस भाषा के विकास
में अमूल्य योगदान दिया।
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में
शामिल मैथिली को नेपाल में भी सम्मान प्राप्त है। बिहार राज्य के मधुबनी, मुज़फ़्फ़रपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, सहरसा, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, खगड़िया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, शिवहर, भागलपुर, मधेपुरा, अररिया, सुपौल, वैशाली तथा
झारखंड प्रदेश के रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद और
देवघर आदि जिलों में मैथिली बोली जाती है। इसके अलावा नेपाल में सरलाही, महतारी, धनुसा, सुनसरी, सिरहा, मोरंग और
सप्तरी आदि जिलों में भी यह संवाद की भाषा है। अकेले भारत में करीब 8 करोड़ लोग इस
मधुर भाषा को बोलते हैं। मैथिली के विकास के लिए तमाम सामाजिक संस्थाएँ और रचनाकार
अपना योगदान दे रहे हैं। सरकारी और ग़ैर-सरकारी स्तर पर कई तरह के प्रयास हो रहे
हैं। भारत और नेपाल में कुछ इलेक्ट्रानिक माध्यमों पर मैथिली भाषा की ख़बरों और
कार्यक्रमों का प्र्सारण हो रहा है। ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ ने ‘मैथिली’ की
शब्द-संपदा को भाषाओं के संरक्षण और संवर्द्धन की अपनी योजना का हिस्सा बनाया है। इससे लोग ‘मैथिली
शब्दकोश’ की सुविधा भी हासिल कर रहे हैं।
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
बेहतर और सरल अनुभव के लिए हिन्दवी डिक्शनरी ऐप
डाउनलोड कीजिएक्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा