aaghaar meaning in braj
आघार के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- धूम
- हवन, यज्ञ आदि के सामने घी से दी जाने वाली आहुति
- छिड़काव
आघार के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
यज्ञ और होम आदि में वे आहुतियाँ जो आदि में प्रजापति और इंद्र देवता को घी की अविच्छित्र धार से 'प्रजापतये स्वाहा' और 'इंद्राय स्वाहा' कहकर वाक्य कोण से अग्नि कोण तक और फिर नैऋत्य से ईशान तक दी जाती हैं
विशेष
. ऋग्वेदी इसे मौन होकर करते हैं और यजुर्वेदी जोर से मंत्र का उच्चारण करके करते हैं। - घी
- सिंचन, सींचना
आघार के तुकांत शब्द
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