आल

आल के अर्थ :

  • अथवा - मजीठ

आल के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • एक पौधा जिसका उपयोग रंग बनाने के लिए होता है
  • पीला हल्दी वाला रंग
  • हरताल

    उदाहरण
    . सींचि आल मजीठ जैसे, निठुर काटी पोइ ।


पुल्लिंग

  • आलय , घर

    उदाहरण
    . मोहिं बरजत उठि गवन कियौ हठि, स्वाद लुब्ध रस आल।


पुल्लिंग

  • एक प्रकार का काठ जिसे उबालने पर एक रंग तैयार होता है

आल के हिंदी अर्थ

संस्कृत, अरबी, देशज ; संज्ञा, विशेषण, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • हरताल
  • १एक पौधा जिसकी खेती पहले रंग के लिये बहुत होती थी

    विशेष
    . यह पौधा प्रत्येक दूसरे वर्ष बोया जाता है और दो फुट ऊँचा होता है । इसका मूल रूप ३०-४० फूट का पूरा पेड़ होता है । इसके दो भेद हैं— एक मोटी आल और दूसरी छोटी आल । छोटी आल फसल के बीच से बोई जाती है और मोटी आल बड़े पेडों के बीज से आषाढ में बोई जाती है । इसकी छाल और जड गडाँसे से काटकर हौज में सड़ने के लिये डाल दी जाती है और कई दिनों में रंग तैयार होता है । कहते हैं, इससे रंगे हुए कपड़े में दीमक महीं लगती ।

  • इस पौधे से बना हुआ रंग
  • एक कीड़ा जो सरसों की फसल को हानि पहुँचाता है, माहो
  • प्याज का हरा डंठल
  • कद्दू, लौकी
  • झंझट , बखेडा

    उदाहरण
    . आठ पहर गया, यौं ही माया मोह के आल । राम नाम हिरदय नहीं, जीत लिया जमजाल । —कबीर (शब्द॰) ।

  • गीलापन, तरी, जैसे,— ऐसा बरसा कि आल से आल मिल गई
  • आँसू

    उदाहरण
    . सिसक्यो जल किन लेत दृग, भर पलकन मैं आल । बिचलत खैंचत लाज कौ मचलत लखि नँदलाल ।

  • बेटी की संतति
  • वंश , कुल , खानदान
  • गाँव का एक भाग
  • गीला, कच्चा, हरा

    उदाहरण
    . आलहि बाँस कटाइन इँडिया फदाइन हो साधो ।

  • एक प्रकार का कँटीला पौधा, स्याह कांटा किंगरई, वि॰ दे॰ 'किंगरई'
  • एक प्रकार प्रसिद्ध कंद

    विशेष
    . क्वार कार्तिक में क्यारियों के वीच मेंड बनाकर आलू बोए जाते हैं जो पूस में तैयार हो जाता हैं । एक पौधे की जड़ में पाव भर के लगभग आलू निकलता हैं । भारतवर्ष में अब आलू की खेती जारो ओर होने लगी है, पर पटना, नैनीताल और चीरापूँची इसके लिये प्रसिद्ध स्थान हैं । नैनीताल के पहाड़ी आलू बहुत बड़े होते हैं । आलू दो तरह के होते हैं लाल और सफेद । यह पौधा वास्तव में अमेरिका का है । वहाँ से सन् १५८० ई॰ में यह युरोप में गया । भारतवर्ष में इसका उल्लेख सबसे पहले उस भोज के विवरण में आता है जो सन् १६१५ ई॰ में सर टामस रो को आसफ खाँ की ओर से अजमेर में दिया गया था । जब पहले पहल आलू भारतवर्ष में आया या तब हिंदू लोग उसे नहीं खाते थे; केवल मुसलमान और अँगरेज ही खाते थे । पर धीरे धीरे इसका खूब प्रचार हुआ और अब हिंदू व्रत के दीनों में भी इसे खाते हैं । 'आलू' शब्द पहले कई प्रकार के कंदों के लिये व्यवहृत होता था, विशेषकर 'अरूआ' के लिये । फारसी में कुछ गोल फलों के लिये भी आलू शब्द का व्यभहार होता है, जैसे,—आलूबुखारा, शफतालू आलूवा ।

आल के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

आल के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मछली या मेढक का अंडा

आल के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चैत के महीने में विवाहिता कन्या को दी जाने वाली भिटौली या भैंट

आल के गढ़वाली अर्थ

आळ

  • दे० आद

  • दे० आद

आल के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • एक पौधा जिसकी छाल और जड़ से लाल रंग निकलता है; उस पौधे से निकला लाल रंग जिससे आलता बनता है; दीवाल में बना ताखा, ताक, आला; (सं. आद्री)आर्द्रता, गीलापन, हाल; (अ) बेटी की औलाद; (तुर्क-चाल) घोड़ा सिंह आदि जानवरों की गर्दन पर के लंबे बाल; (आर) खेत की मोटी मे

आल के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • एक लाल रञ्जक द्रव्य जे एक गाछसैं बहराइछ

Noun

  • a red dye derived from the tree Morinda Citrifolia.

आल के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • घीया नामक सब्जी, तुम्बे के आकार का एक फल जिसकी सब्ज़ी बनाई जाती है

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