aar meaning in maithili
आर के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- चक्रक धार
Noun
- edge of wheel (weapon)
आर के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- वह लोहा जो ख़ान से निकाला गया हो, पर साफ़ न किया गया हो, एक प्रकार का निकृष्ट लोहा
- पीतल
- किनारा
-
कोना
विशेष
. इस प्रकार के द्वादश कोण और षोडश कोण के चक्र बनाकर तांत्रिक लोग पूजन करते हैं। - पहिए का आरा
- हरताल
संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- लोहे की पतली कील जो साँटे या पैने में लगी रहती है, अनी, पैनी
- नर मुर्गे के पंजे का काँटा जिससे लड़ते समय वे एक दूसरे को घायल करते हैं
-
बिच्छू भिड़ और मधुमक्खी आदि का डंक
उदाहरण
. बीछी आर सरिस टेई मूछैं सबही की। - चमड़ा छेदने का सूआ या टेकुआ, सुतारी
देशज ; संज्ञा, पुल्लिंग
- ईख का रस निकालने का कलछा, पल्ली, ताँबी
- बर्तन बानने के साँचे में भीतरी भाग के ऊपर मुँह पर रखा हुआ मिट्टी का लोंदा जिसे इस तरह बढ़ाते हैं कि वह अँवठ के चारों ओर बढ़ आता है
हिंदी ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
अड़, ज़िद, हठ
उदाहरण
. अँखियाँ करत हैं अति आर। सुंदर श्याम पाहुने के मिस मिलि न जाहु दिन चार।
अरबी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- तिरस्कार, घृणा
-
अदावत, बैर
उदाहरण
. न जाने वे हमसे क्यों आर रखते हैं। -
शर्म, हया, लज्जा
उदाहरण
. कुछ तुम्हीं मिलने से बेज़ार हो मेरे, वर्ना, दोस्ती नंग नहीं, ऐब नहीं, आर नहीं।
आर के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएआर के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिएआर के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएआर के अंगिका अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- आड, ओट, परदा, पगडंडी
संज्ञा, पुल्लिंग
- पहिये का आरा
आर के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- बड़ी आरी, लकड़ी चीरने का औजार, आरा (1165)
आर के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- आरा, लकड़ी चीरने का दाँतीदार औजार, आरी
Noun, Masculine
- saw
आर के बघेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
दो खेतों की सीमा रेखा
उदाहरण
. स्त्री लिंग आरि।
आर के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- एक झाड़ी वाला पेड़ इसकी लकड़ी में छोटे- छोटी काँटे होते है
आर के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- अशोधित लोहा
- पीतल
-
लोहे की कील, काँटा, अंकुश
उदाहरण
. सूर प्रभु यह जानि पदवी, चलत बैलहिं आर।
पुल्लिंग, स्त्रीलिंग
- हठ, ज़िद
- बैर, शत्रुता
- तिरस्कार, घृणा
आर के भोजपुरी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
मेंड़
उदाहरण
. खेत के आर काट द कि पानी बह जाव।
Noun, Masculine
- raised boundary around a field, levee
आर के मगही अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा
- ज़मीन में खोदा गढ़ानुमा चूल्हा जिसमें दोनों छोर से जलावन झोंका जाता है और कई बरतन एक साथ चढ़ाए जाते हैं
- बैलगाड़ी
- टमटम आदि के पहिए की पुट्ठी
- (अड़ या अर) हठ
- अर, बैर, ज़िद
- खेत के चारों तरफ की मेड़
- आरी
आर के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- लकड़ी के सिरे पर लगाई जानेवाली नुकीली की, आर
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