advaitvaad meaning in hindi

अद्वैतवाद

अद्वैतवाद के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अद्वैतवाद के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह सिद्धांत जिसमें ब्रह्म ही को जगत् का उपादन कारण मानकर संपुर्ण प्रत्याक्षादि सिद्ध शिश्व को ब्रह्म में आरोपित करते हैं
  • वह दार्शानिक सिद्धांत या मत जिसमें किसी एक तत्व या ब्रह्म अथवा शिव शक्ति आदि को सर्वमुल तत्व माने है, तदतिरिक्त समस्त प्रमेयों पदर्थों को उसका परिणाम, विवर्त, प्रकाश, रुपांतर या नुतन भुमिका स्वीकार करते है , शंकराचार्य द्धारा प्रतिपादित 'अद्धैतवेदांत' असमें सर्वाधिक प्रसिद्ध है , ब्रह्माद्धैतवाद (शांकर) वेदांत मत) शब्दाद्धयवाद (शब्द- ब्रह्माद्धैतवाद) के अतिरिक्त 'शिवाद्धैतवाद' शक्ति अद्धैतवाद आदि है , इसी के रुपांतरित प्रकार हैं , शुद्धाद्धैत, केवलाद्धैत आदि भी
  • वेदांत का वह सिद्धांत जिसमें आत्मा और परमात्मा को एक माना जाता है और ब्रह्म के सिवा सब वस्तुओं या तत्वों की सत्ता अवास्तविक या असत्य मानी जाती है

    उदाहरण
    . हमारे दादाजी अद्वैतवाद के समर्थक हैं ।

  • शंकराचार्य द्धारा प्रतिपादित वेदांत दर्शन , इस मत में 'ब्रह्म्' के अतिरिक्त सभी पदार्थ असत्य है अर्थात् 'ब्रह्म्' सत्य जगन्मिथ्या' के अनुसार 'एकमेवाद्धितीयं ब्रह्म्' अर्थआत् 'ब्रह्मम' ही एक और केवल अद्धैत तत्व सत्य माना गया है और 'ब्रह्मम' सत्-चित्-आनंदस्वरुप , मायावाद, अध्यासवाद, विवर्तवाद, उत्तारमीमांसा, शंकरवेदांत आदि पदों से प्राय: इसी दर्शन का बोध होता है

    विशेष
    . इस सिद्धांत के अनुयायी कहते है कि जैसे रस्सी के स्वरुप को न जानने से सर्प का बोध होता है, वैसे ही ब्रह्मम के रुप को न जानने के कारण अध्यासवश ब्रह्मम ही संसार रुप में वस्तुत: दिखाई देता है । अंत में अज्ञान दुर हो जाने पर सब पदार्थ ब्रह्मममय प्रतीत होता है ।

  • वेदांत का वह सिद्धांत जिसमें आत्मा और परमात्मा को एक माना जाता है और ब्रह्म के सिवा बाकी सब वस्तुओं या तत्त्वों की सत्ता अवास्तविक या असत्य मानी जाती है

अद्वैतवाद के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • monism

अद्वैतवाद के तुकांत शब्द

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