agau.nhii meaning in braj
अगौंही के ब्रज अर्थ
विशेषण
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दे० 'अगोहीं'
उदाहरण
. ज्यों ज्यों दृगनि कटाच्छ के मन के लागत घाव । त्यों त्यों रन छक सू ज्यों धरत अगौहैं पाँव । . भीतर भौन ते प्रान प्रिया सो कितो चहै पैग पड़े न अगौहें । . मन्द होति चन्द्रिका चिराकै लखि फीकी लग मुख पट टारके अगोही जब बढ़हीं। अग्रौहैं क्रि०वि० आगे को। आगे की ओर ।
अगौंही के तुकांत शब्द
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