अगरी

अगरी के अर्थ :

अगरी के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • ओलती, छपपर का नीचे का भाग, ईख की पत्ती

अगरी के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार की घास या पौधा जो चूहे आदि के विष को दूर करता है, देवताड़
  • विष हरनेवाला कोई भी द्रव्य
  • लकड़ी या लोहे का छोटा डंडा जो किवाड़ के पल्ले में कोढ़ा लगाकर डाला रहता है, इसके इधर उधर खींचने से किवाड़ खुलते और बंद होते हैं, किल्ली, ब्योंड़ा
  • फूस की छाजन का एक ढंग जिसमें जड़ ढाल या उतार की ओर रखते हैं
  • अंड बंड बात, बुरी बात, अनुचित बात
  • ढिठाई, धृष्टता
  • वह लकड़ी जो किवाड़ बंद करने के बाद आड़ी लगाई जाती है
  • लकड़ी या लोहे का छोटा डंडा जो किवाड़ के पल्ले में लगाया जाता है.
  • बुरी बात; अनुचित बात.
  • ढिठाई.
  • फूस को छाजने का एक ढंग.

हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • अगराई हुई बात, स्नेह के कारण धृष्टता से की हुई क्रिया

    उदाहरण
    . गेँडुरि दइ फटकारि कै हरि करत है लँगरी । नित प्रति ऐसई ढंग करै हमसो कहै अगरी ।


संस्कृत ; विशेषण

  • अगला, प्रथम
  • बढ़कर, श्रेष्ठ, उत्तम

    उदाहरण
    . सूर सनेह ग्वारि मन अटक्यो छाँड़हु दिये परत नहि पगरो । परम मगन ह्ल रही चितै मुख सब तें भाग यही को अगरो ।

  • चतुर, दक्ष, निपुण
  • अधिक, ज्य़ादा

    उदाहरण
    . योजन बीस एक अरु अगरो डेरा इहि अनुसान । ब्रजवासी नर नारि अंत नहि मानो सिंधु समान ।

अगरी के कन्नौजी अर्थ

विशेषण

  • ज्यादा, अधिक

अगरी के बुंदेली अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा

  • उपलों की पंक्ति

अगरी के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • अगीर्य , अवाच्य , बुरी बात , अनु- चित बात , धृष्टतायुक्त बात , दिठाई, थोक हैं
  • अर्गला, लकड़ी या लोहे का छोटा डंडा जो किवाड़ के पल्ले में कोंडा लगाकर पड़ा रहता है, इसके इधर-उधर खींचने से किवाड़ खुलते और बन्द होते हैं, किल्ली , बचोड़ा

विशेषण

  • रे आगरी, आगार-भंडार वाली
  • श्रेष्ठ , निपुण

अगरी के मगही अर्थ

संज्ञा

  • दे. 'अंगेरी', छप्पर की ओरी, ओलती; सिटकिनी, अर्गला

अगरी के मैथिली अर्थ

  • दे. ओलती

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