अहो

अहो के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अहो के हिंदी अर्थ

अव्यय

  • एक अव्यय जिसका प्रयोग कभी संबोधन की तरह और कभी करुणा, खेद, प्रशंसा, हर्ष और विस्मय सूचित करने के लिये होता है; जैसे, (संबोधन) जाहु नहीं, अहो जाहु चले हरि जात चले दिनहीं बनि बागे, -केशव (शब्द॰), (करुणा, खेद) अहो! कैसे दुख का समय है, (प्रशंसा) अहो ! धन्य तब जनम मुनीसा, —तुलसी (शब्द॰), (हर्ष) अहो भाग्य ! आप आए तो, (विस्मय) दूनो दूनो बाढ़त सुपूनो की निसा में, अही आनँद अनुप रूप काहू ब्रज बाल को, पद्माकर (शब्द॰), कभी कभी केवल पादपूरणार्थक भी प्रयोग होता है, जैसे, भारत कहो तो आज तुम क्या हो वहो भारत अहो, -भारत॰, पृ॰

अहो के अवधी अर्थ

  • संबोधन या आश्चर्य करने का शब्द

अहो के कन्नौजी अर्थ

  • सम्बोधन या आश्चर्य व्यक्त करने का शब्द

अहो के कुमाउँनी अर्थ

  • अजी, (श्रीमानजी)

    उदाहरण
    . अजी भाई, सभी सुनो (996)


अव्यय

  • विस्मय, प्रशंसा, खेद, धिक्कार सूचक उद्गार आदि-आदि प्रयोग चलते

अहो के गढ़वाली अर्थ

  • एजी!, अजी!, सम्बोधन का शब्द विशेष

अव्यय

  • आश्चर्य, दुःख या प्रसन्नता प्रकट करने वाला शब्द
  • hallo; a way of calling.

Inexhaustible

  • oh! expressing sudden emotion as surprise, sorrow or joy.

अहो के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • प्रशंसा, वाहवाही

अहो के ब्रज अर्थ

  • विस्मय, हर्ष, खेद आदि सूचक एक अव्यय

    उदाहरण
    . ताको विषम विषाद अहो मुनि मोपो सह्यो न जाई।

अहो के मगही अर्थ

अव्यय

  • संबोधन का शब्द; दया, प्रशंसा, अचरज, खेद आदि का सूचक शब्द

अहो के मैथिली अर्थ

विस्मयादिबोधक, असमापिका

  • विस्मय, हर्ष आदिक सूचक अव्यय

Interjection, Infinitive

  • Denotes wonder, joy etc.; hurrahh, wonderful!

अहो के तुकांत शब्द

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