amarii meaning in braj

अमरी

अमरी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अमरी के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • देखिए: 'अमर'
  • हठ-योगियों की एक विशिष्ट क्रिया

अमरी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • देवता की स्त्री, देवकन्या, देवपत्नी
  • एक पेड़ जिससे एक प्रकार का चमकीला गोंद निकलता है, सज, सग, आसन, पियासाल

    विशेष
    . इस गोंद को सुगंध के लिए जलाते हैं। संथाल लोग इसे खाते भी हैं। इसकी छाल से रंग बनता है चमड़ा सिझाया जाता है। लकड़ी, मकान, छकड़े और नाव बनाने तथा जलाने के काम में आती है। इसकी डालियों से लाही भी निकलती है और पत्तियों पर सिंहभूम आदि स्थानों में टसर रेशम का कीड़ा भी पाला जाता है ।

  • हठयोगियों की एक क्रिया

    उदाहरण
    . बजरी करंतां अमरी राषै अमरी करंतां बाई। भोग करंता जे व्यंद राषै ते गोरष का गुरभाई।

अमरी के तुकांत शब्द

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