anaahat meaning in braj
अनाहत के ब्रज अर्थ
विशेषण, पुल्लिंग
- आघातरहित , जो आहत न हुआ हो
- दोनों हाथों के अँगूठों से दोनों कानों के रंध्र बंद करने पर ध्यान करने से सुनाई पड़ने वाला शब्द (योग)
- हठ योग के अनुसार शरीर के भीतर के छह चक्रों में से एक
अनाहत के हिंदी अर्थ
विशेषण
- जिस पर आघात न हुआ हो, आघातरहित, अक्षुब्ध
-
जिसे क्षति न पहुँची हो या जो हत न हुआ हो, जो आहत न हो
उदाहरण
. अनाहत लोगों ने कार दुर्घटना में आहत लोगों की मदद की। - कोरा, बे-दाग़, जो पहना न गया हो या बिना पहना (नया कपड़ा)
- अगणित, जिसका गुणन न किया गया हो
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक भीतरी शब्द जिसे योगी सुनते हैं, शब्दयोग में वह शब्द या नाद जो दोनों हाथों के अँगुठों से दोनों कानों की लवें बंद करके ध्यान करने से सुनाई देता है, ओम की ध्वनि
- हठयोग के अनुसार शरीर के भीतर के छह चक्रों में से एक, इसका स्थान हृदय, रंग लाल पीला मिश्रित और देवता रुद्र माने गए हैं, इसके दलों की संख्या १२ और अक्षर 'क' से 'ठ' तक है
- अव्यक्त परम तत्त्व का सूचक वह शब्द-ब्रह्म, जो व्यापक नाद के रूप में सारे ब्रह्मांड में व्याप्त है, और जिसकी ध्वनि परम मधुर संगीत की-सी मानी गई है।
- नया वस्त्र
- द्वितीय बार किसी वस्तु को उपनिधि या धरोहर में देना, दोबारा किसी चीज़ का अमानत में दिया जाना
अनाहत के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिए
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