anhaar meaning in braj
अनहार के ब्रज अर्थ
विशेषण, सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, सकर्मक
-
सदृश, तुल्य , समान, एक रूप रुचि अनुहरत
उदाहरण
. हरि बल सोभित इहि अनुहार । - रूप , आकृति , चेहरा-मोहरा मुखानी
-
रूप-भेद , प्रकार
उदाहरण
. मुग्धा मध्या प्रौढ़ गनि, तिनके तीनि बिचार एक एक की जानिए चार चार अनुहार । । -
तुल्य करना, सदृश करना समान करना
उदाहरण
. देखि री हरि के चंचल तारे, कमल मीन कौं कह ऐती छबि, खंजन दृगन जात अनुहारे ।
अनहार के हिंदी अर्थ
विशेषण
-
आननेवाला, ले आनेवाला
उदाहरण
. खेलत रहलौं बाबा चौबरिया आइ गए अनहार हो—धरम॰, ३४ ।
अनहार के अंगिका अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- अंधेरा, काला
अनहार के मैथिली अर्थ
- अन्हार
- darkness.
अनहार के तुकांत शब्द
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