अंतराय

अंतराय के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अंतराय के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • विघ्न, बाधा, अड़चन
  • ओट, आड़
  • ज्ञान का बाधक
  • योग की सिद्धि के विघ्न जो नौ प्रकार के हैं, यथा—(क) व्याधि, (ख) स्त्यान=संकोच, (ग) संशय, (घ) प्रमाद, (च) आलस्य (छ) अविरति=विषयों में प्रवृत्ति, (ज) भ्रांतिदर्शन=उलटा ज्ञान, जैसे जड़ में चेतन और चेतन में जड़ बुद्घि, (झ) अलब्ध भूमिकत्व=समाधि की अप्राप्ति, (ट) अनवस्थितत्व= समाधि होने पर भी चित्त का स्थिर न होना
  • जैन दर्शन में दर्शनावरणीय नामक मूल कर्म के नौ भेदों में से एक, जिसका उदय होने पर दानादि करने में अंतराय वा विध्न होते हैं, ये अंतराय कर्म पाँच प्रकार के माने गए हैं—दानांतराय, लाभांत- राय, भोगांतराग, उपभोगांतराय और वीर्यांतराय

अंतराय के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • an impediment, obstacle

अंतराय के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • विघ्न , बाधा

अंतराय के तुकांत शब्द

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