antyaanupraas meaning in english

अंत्यानुप्रास

अंत्यानुप्रास के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अंत्यानुप्रास के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • rhyming of the terminal portions of the ultimate words in a couplet, stanza etc

अंत्यानुप्रास के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का अनुप्रास अलंकार जिसमें किसी पद्य के चरणों के अतिम अक्षर या अक्षरों में सादृश्य होता है
  • पद्य के एक चरण के अंतिम अक्षर पूर्ववर्ती स्वर का किसी अन्य चरण के अंतिम अक्षर और पूर्ववर्ती स्वर से मेल , पद्य के चरणों के अंतिम अक्षरों का मेल , तुक , तुकबंदी , तुकांत

    विशेष
    . जैसे, सिय सोभा किमि कहौं बखानी । गिरा अनयन नयन बिन बनी ।—तुलसी (शब्द॰) । इस चौपाई के दोनों चरणों का अंतिम अक्षर 'नी' है । हिंदी कविता में ५ प्रकार के अंत्यानुप्रास मिलते हैं ।(१)सर्वात्य, चिसके चारों चरणों के अंतिम वर्ण एक हों । उ॰—न ललचहु । सब तजहु । हरि भजहु । यम करहु । (शब्द॰) । (२) समांत्य विषमांत्य, जिसके सम से सम और विषम से विषम के अंत्याक्षर मिलते हों । उ॰—जिहिं सुमिरत सिधि होइ, गणनायक, करिवर बदन । करहु अनुग्रह सोई, बुद्धिराशि शुभ गुणसदन ।—तुलसी (शब्द॰) । (३) समांत्य जिसके सम चरणों के अंत्याक्षर मिलते हों विषम के नहीं । उ॰— सब तो । शरण । गिरिजा । रमणा (शब्द॰) । (४) विषमात्य, जिसके विषम चरणों के अत्याक्षर एक हों, सम के नहीं । उ॰— लोभिहि प्रिय जिमि दाम, कामिहि नारि पियारि जिमि । तुलसी के मन राम, ऐसे ह्वै कब लागिहौ ।—तुलसी (शब्द॰) । (५) समविषमांत्य, जिसके प्रथम पद का अंत्याक्षर द्वितीय पद के अंत्याक्षर के समान हो । उ॰—जगो गुपाला । सुभोर काला । कहै यसोदा । लहै प्रमोदा (शब्द॰) ।

    उदाहरण
    . श्रुतिकटु मानकर, कुछ वर्णों का त्याग, वृत्तविधान, लय, अंत्यानुप्रास आदि नाद-सौंदर्य-साधन के लिये ही है ।

  • शब्दालंकार नामक अनुप्रास का एक भेद, जहाँ पदांत में एक ही स्वर और एक ही व्यंजन की आवृत्ति होती है, जैसे- ...सोय,...होय
  • तुक
  • एक प्रकार का अनुप्रास अलंकार जिसमें किसी पद्य के चरणों के अतिम अक्षर या अक्षरों में सादृश्य होता है

    उदाहरण
    . शिक्षक ने विद्यार्थी से अंत्यानुप्रास का एक उदाहरण पूछा ।

अंत्यानुप्रास के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

अंत्यानुप्रास के तुकांत शब्द

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