ap meaning in braj
अप के ब्रज अर्थ
- एक अपसर्ग जो शब्दों के पहले लगकर नम्नलिखित अर्थ देता है- अलग या दूर-अपगमन , अनुचित निंद-अपजात, अपव्यय , नीचे या पीछे-अपकर्ष, अपभ्रश , रहित या हीन—अपकरुण, उपभय , आकस्मिक-अपमृत्यु, गुप्त, छिपा या दबा हुआ—अपद्वार , दिशा, प्रकार आदि का उल्लेख निर्देश-उपदेश
पुल्लिंग
-
आप , जल , पानी
उदाहरण
. तपमाला जन्हु की सु जपमाला जोगिन की आछी अपमाला या अनादि ब्रह्मबेस की।
सर्वनाम
-
अपने आप , स्वयं
उदाहरण
. सकल विश्व अप वस करि मो माया सोहति
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