apaay meaning in braj

अपाय

अपाय के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अपाय के ब्रज अर्थ

विशेषण, पुल्लिंग

  • दूर या पीछे हटना
  • अलगाव
  • नाश , बर्बादी
  • नीतिविरुद्ध आचरण
  • किसी के प्रति किया जाने वाला अनु- चित या हानिकारक कार्य
  • उत्पात , उपद्रव
  • अंत
  • [सं० अ=नहीं+पाद] प्रा० पाय = पैर बिना पैर का लंगड़ा
  • [सं० अनुपाय]
  • जिसके पास कोई उपाय न रह गया हो , निरुपाय
  • निर्धन

अपाय के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • विश्लेष, अलगाव
  • अपगमन, पीछे हटना
  • नाश

    उदाहरण
    . सब अपाय भय खोय सदा सुभ करत जाय है ।

  • अन्यथाचार, अनरीति, उपद्रव

    उदाहरण
    . करिय संभार कोसल राय । अकनि जाके कठिन करतब अमित अनय अपाय ।

  • खतरा, विध्न
  • हानि, क्षति
  • शब्दांत, शब्द की समाप्ति,
  • गायब होना, लुप्त होना

विशेषण

  • बिना पैर का, लँगडा, अपाहिज
  • निरूपाय, असमर्थ

    उदाहरण
    . राम नाम के जपे पै जाय जिय की जरनि । कलिकाल अपर उपाय ते अपाय भय जैसे तम जारिबे को चित्र को तरनि ।

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