apasmaar meaning in braj
अपस्मार के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- मिर्गी रोग, मूर्छा
-
साहित्य में प्रेमी-प्रेमिका की वह अवस्था जिसमें विरह का बहुत कष्ट सहने के कारण मिरगी के रोगियों की तरह काँप कर मूर्छित होकर गिर पड़े, (संचारी भाव)
उदाहरण
. अपस्मार मति उग्रता त्रास तक औव्याधि उन्माद मरन अविहत्य है व्यभिचारी युत-आधि।
अपस्मार के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- epilepsy, eclampsia
अपस्मार के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक रोग विशेष जिसमें रोगी अचानक बेसुध होकर गिर पड़ता है, मिर्गी
विशेष
. इसमें हृदय काँपने लगता है और के सामने अँधेरा छा जाता है। रोंगी काँपकर पृथ्वी पर मूर्छित हो गिर पड़ता है। वैद्यक शास्त्रानुसार इसकी उत्पत्ति चिंता, शोक और भय के कारण कुपित त्रिदोष से मानी गई है। यह चार प्रकार का होता है- (१) वातज (२) पित्तज (३) कफज और (४) सन्निपातज। यह रोग नैमित्तिक है। वातज का दौरा बारहवें दिन, पित्तज का पंद्रहवें दिन और कफज का तीसवें दिन होता है।उदाहरण
. अपस्मार असाध्य नहीं है। - (काव्यशास्त्र) एक संचारी भाव
- अपस्मृति, भुलक्कड़पन, स्मृतिभ्रंश
अपस्मार के पर्यायवाची शब्द
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