apati meaning in braj

अपति

अपति के अर्थ :

अपति के ब्रज अर्थ

  • (आपत्ति)
  • अपत होने की अवस्था या भाव
  • धृष्टता , निर्लज्जता
  • विपत्ति , मुसीबत
  • दुर्दशा , दुर्गति
  • अप्रतिष्ठा
  • उत्पात , उपद्रव
  • झंझट , बखेड़ा

विशेषण

  • जिसका पति मर गया हो, विधवा
  • जिसका कोई स्वामी न हो , बिना मालिक का
  • पापी , दुराचारी
  • निर्लज्ज

    उदाहरण
    . कहि न सकत कोउ बात बदन पर, इन पतितनि मो अपति बिचारी। सूर १/२४८/४

अपति के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, विशेषण, स्त्रीलिंग

  • जो पाप करता हो या पाप करने वाला, पापी, दुष्ट दुराचारी

    उदाहरण
    . कहा करौ सखि काम को हिय निर्दयपन आज । तनु जारत पारत निपत अपति उजारत लाज ।

  • बिना पति या स्वामी की, विधवा
  • अविवाहित, कुमारी

हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • अप्रतिष्ठा, दुर्गति, दुर्दशा

    उदाहरण
    . पैये निसि बासर कलंकित न अंक सम, बरनै मयंक कविताई की अपति होइ । . पति बिनु पतिनी पतित न मग में । पति बिनु अपति नारि की जगल में ।

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