अपरस

अपरस के अर्थ :

अपरस के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • चर्मरोग

अपरस के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; विशेषण

  • जो छुआ न जाय, जिसे किसी ने छुआ न हो

    उदाहरण
    . ऊधौ तुम हौ अति बड़

  • न छूने योग्य, अस्पृश्य

    उदाहरण
    . अपरस ठौर तहाँ सपरस जाइ कैसें, बासना न धोवै तौ लौं तन के पखारे कहाँ ।


संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • आत्मानंद, आत्मरस

    उदाहरण
    . पाछे श्री गुसाईं जी स्नान करि धोती उपरेना पहरि अपरस की गादी पर विराजि कै संख चक्र धरत हते ।

  • एक चर्मरोग जो हथेली और तलवे में होता है, इसमें खुजलाहट होती है और चमड़ा सूख सूखकर गिरा करता है

    उदाहरण
    . यह अपरस की अच्छी दवा है ।

  • बुरा रस, विकृत रस

    उदाहरण
    . जनम जनम तें अपावन असाधु महा, अपरस पूति सो न छाड़ैं अजौं छूति कौं ।

अपरस के बघेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • गदेली या तलवे में होने वाला एक चर्मरोग

अपरस के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • जिसे किसी ने छुआ न हो
  • अस्पृश्य , स्नान करने के पश्चात् बिना किसी का स्पर्श किये रहना
  • रसोई का शुद्ध नियमाचार ; अनासक्त

    उदाहरण
    . अपरस रहत सनेह तगा तें नाहिन मन अनुरागी ।


विशेषण, स्त्रीलिंग

  • नीरस
  • रसहीन
  • हथेली व तलुए में होने वाला चर्म रोग

अपरस के भोजपुरी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • हाथ-पैर का चर्मरोग जिसमें सफेद फुसियाँ निकल आती हैं;

    उदाहरण
    . हाथ के अपरस महुआ के रस लगावे से ठीक हो जाला।

Noun, Masculine

  • skin disease causing pustules on hands and feet.

अपरस के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • तलहथी और तलवे पर होनेवाला एक चर्मरोग

अपरस के मैथिली अर्थ

  • एक चर्मरोग

  • eczema in hand.

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