ara.ni meaning in braj
अरणि के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- सूर्य
- अग्नि
- अग्निमंथ नामक वृक्ष जिसकी लकड़ियों की रगड़ से आग जलाई जाती है
- चीता नामक वृक्ष
- चकमक पत्थर
अरणि के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- प्रकार का वृक्ष , गनियार , अँगेयू
- सूर्य
-
काठ का बना हुआ एक यंत्र जो यज्ञों में आग निकालने के काम आता है , अग्निमंथ
विशेष
. इसके दो भाग होते हैं—अरणि या अधरारणि और उत्तरारणि । यह शमीगर्भ अश्वत्य से बनाया जाता है । अध- राराणि नीचे होती है और इसमें एक छेद होता है । इस छेद पर उत्तरारणि खड़ी करके रस्सों से मथानी के समान मथी जाती है । छेद के नीचे कुश या कपास रख देते हैं जिसमें आग लग जाती है । इसके मथने के समय वैदिक मंत्र पढ़ते हैं और ऋत्विक् लोग ही इसके मथने आदि का काम करते हैं । यज्ञ में प्रायः अरणि से निकली हुई आग ही काम में लाई जाती हैं । ४ - चीता नामक वृक्ष या उसकी लकड़ी
- श्योनाक , सोना पाढ़ा
- अग्नि
- चकमक पत्थर
अरणि के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएअरणि के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा