arat meaning in braj
अरत के ब्रज अर्थ
विशेषण
- जो किसी काम में रत या लगा हुआ न हो
- जो अनुरक्त न हो , अनासक्त
- विरत, विरक्त
- सुस्त , आलसी , असंतुष्ट
अरत के हिंदी अर्थ
विशेषण
- जो अनुरक्त न हो, जो किसी पदार्थ में आसक्त न हो
-
विरत, विरक्त
उदाहरण
. मन गोरख गोविंद मन, मन ही ओषधि सोय । जो मन राखै यतन करि, आपै अरता होय । - सुस्त, आलसी
- असंतुष्ट
अरत के तुकांत शब्द
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