अरवी

अरवी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अरवी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का कंद

    विशेष
    . इसके पत्ते पान के पत्तों के आकार के बड़े बड़े होते हैं । यह दो प्रकार की होती है, एक सफेद डंठी की, दूसरी काली डठी की । जड़ या कंद से बराबर पत्तों के लंबे लंबे डंठल निकलते रहते हैं । नीचे नई पत्तियाँ बंधती जाती हैं । यह छूने में लसदार और खाने में कुछ कनकनाहट लिए हुए स्वादिष्ट होती है । लोग इसके पत्ते का साग इत्यादि बनाकर भी खाते हैं । यह अधिकतर बैसाख जेठ में बोई जाती है और सावन में तैयार हो जाती है । उ॰—चूक लाय कै रीधे भाँटा । अरवी कहँ भल अरहन बाँटा ।—जायसी (शब्द॰) ।

अरवी के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • पान के पत्ते के आकार के बड़े बड़े पत्तों वाला कंद
  • उक्त कंद के लंबोतरे फल जिनकी तर- कारी बनाई जाती है, अरुई, घुइयाँ

अरवी के मालवी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • तरकारी के काम का एक प्रसिद्ध कंद

अरवी के तुकांत शब्द

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