arjun meaning in braj
अर्जुन के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- दे० 'अरजुन' पुं
अर्जुन के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
वह वृक्ष जो दक्खिन से अवध तक नदियों के किनारे होता है
विशेष
. यह बर्मा और लंका में भी होता है। इसके पत्ते टसर के कीड़ों को खिलाए जाते हैं। छाल, चमड़ा, सिझाने, रंग बनाने तथा दवा के काम में आती है। इससे एक स्वच्छ गोंद निकलती है जो दवा के काम में आती है। लकड़ी से खेती के औज़ार तथा नाव और गाड़ी आदि बनती है। इसको जलाने से राख में चूने का भाग अधिक निकलता है। - पाँच पांडुपुत्रों में से एक मँझले का नाम जो महाभारत के युद्ध में पांडव पक्ष का नायक था, ये बड़े वीर और धनुर्विद्या में निपुण थे
- अर्जुन नामक पौधे का रेशा
- स्वर्ण धातु
- हैहयवंशी एक राजा, सहस्त्रार्जुन
-
एक बड़ा औषधीय पेड़ जो लगभग साठ से अस्सी फुट ऊँचा होता है
उदाहरण
. अर्जुन की लकड़ी बहुत उपयोगी होती है एवं छाल औषध के रूप में प्रयोग की जाती है। -
सफ़ेद कनैल
उदाहरण
. सीमा कनेर की माला बना रही है। -
मोर
उदाहरण
. मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। -
आँख का एक रोग जिसमें आँख में सफ़ेद छीटे पड़ जाते हैं, आँख की पलक के किनारे होने वाली फुंसी, फूली
उदाहरण
. बिलनी होने के कारण उसकी आँख में दर्द हो रहा है। - इकलौता बेटा
- अर्जुन (वैदिक)
- इंद्र
- चाँदी
-
एक प्रकार की घास, दूब
उदाहरण
. वे अर्जुन की कटाई कर रहे हैं। - सफ़ेद रंग
विशेषण
- उज्ज्वल, सफ़ेद
- शुभ्र, स्वच्छ
अर्जुन के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएअर्जुन के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएअर्जुन के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- पाण्डु के पाँच पुत्रों में से मँझले. 2. एक पेड़ जिसकी छाल दवा के काम आती है
अर्जुन के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- कहुआ, एक वृक्ष
Noun
- tree; Terminalia Arjuna.
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