अष्टछाप

अष्टछाप के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अष्टछाप के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • वल्लभ सम्प्रदाय के प्रसिद्ध अष्ट कवियों का वर्ग; जिनके नाम हैं—सूरदास, कुभन- दास, परमानंददास, कृष्णदास, छीतस्वामी, गोविन्दस्वामी, चतुर्भुजदास और नंददास अष्टप्रकृति स्त्री० १. शुक्रनीति के अनुसार राज्य के ये आठ प्रधान कर्मचारी—सुमंत्र, पंडित, मंत्री, प
  • राज्य के आठ अंग-राजा, राष्ट्र, अमात्य, दुर्ग, सेना, कोष, सामन्त और प्रजा
  • शरीर की आठ प्रकृति-क्षिति, जल, पावक, गगन, समीर, मन, बुद्धि और अहंकार

अष्टछाप के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a group of eight luminaries amongst the medieval Krishna cult poets of Hindi literature (viz. Su:rda:s, Kumbhan Da:s, Parma:nand Da:s, Krishna Da:s, Chhi:tswa:mī:, Govindswa:mi:, Chaturbhuj Da:s and Nand Da:s)

अष्टछाप के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वल्लभ संप्रदाय के प्रसिद्ध अष्ठ कवियों का वर्ग; जिनके नाम है—सूरदास, कुंभनदास, परमानंददास, कृष्णदास, छीतस्वामी, गोविंदस्वामी, चतुर्भुजदास और नंददास

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