ashviniikumaar meaning in braj
अश्विनीकुमार के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- त्वष्टा की पुत्री प्रभा नाम की स्त्री से उत्पन्न सूर्य के दो पुत्र जो देवताओं के वैद्य माने जाते हैं
अश्विनीकुमार के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
त्वष्टा की पुत्री प्रभा से उप्तन्न सूर्य के दो पुत्र जो देवताओं के वैद्य माने जाते हैं, देव चिकित्सक, यमज
विशेष
. एक बार सूर्य के तेज को सहन करने में असमर्थ होकर प्रभा अपनी दो संतति यम और यमुना तथा अपनी छाया छोड़कर चुपके से भाग गई और घोड़ी बनकर तप करने लगी। इस छाया से भी सूर्य को दो संतति हुई। शनि और ताप्ती। जब छाया ने प्रभा की संतति का अनादर आरंभ किया, तब यह बात खुल गई कि प्रभा तो भाग गई है। इसके उपरांत सूर्य घोड़ा बनकर प्रभा के पास, जो अश्विनी के रूप में थी, गए। इस संयोग से दोनों अश्विनीकुमारों की उत्पत्ति हुई जो देवताओं के वैद्य हैं।
अश्विनीकुमार के पर्यायवाची शब्द
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