अवि

अवि के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अवि के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • हमारे सौर जगत का वह सबसे बड़ा और ज्वलंत तारा जिससे सब ग्रहों को गर्मी और प्रकाश मिलता है, सूर्य
  • मदार, आक
  • पर्वत
  • हवा, वायु
  • भेड़ जाति का नर, मेष, भेड़
  • ऊन
  • शिक्षक
  • दीवाल
  • भेड़ आदि के बाल से बने तंतु जिनसे कंबल और दूसरे गरम कपड़े आदि बनते हैं, समूर, मूषिक कंबल
  • बकरा, छाग
  • चूहा
  • भूमि का बहुत ऊँचा, ऊबड़-खाबड़ और प्रायः पथरीला प्राकृतिक भाग
  • वह मनोभाव जो स्वभावतः अथवा संकोच, दोष आदि के कारण दूसरों के सामने सिर उठाने या बोलने नहीं देता है
  • दीवार; घेरा

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • लज्जा
  • वह स्त्री जिसका रज प्रवाहित होता हो, ऋतुमती स्त्री
  • भेड़, मेष
  • एक बहुवर्षीय पौधा

अवि के ब्रज अर्थ

अवी

पुल्लिंग

  • सूर्य
  • आक , मदार
  • बकरा

स्त्रीलिंग

  • भेड़ा
  • ऊन
  • पर्वत
  • दीवार
  • लज्जा
  • ऋतुमती स्त्री
  • वन तुलसी

  • भेड़ा
  • ऊन
  • पर्वत
  • दीवार
  • लज्जा
  • ऋतुमती स्त्री
  • वन तुलसी

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