बाणासुर

बाणासुर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

बाणासुर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दैत्यराज बलि का पुत्र जिसे शिव ने मारा था, राजा बलि के सौ पुत्रों में से सबसे बड़े पुत्र का नाम, बाण

    विशेष
    . यह बहुत ही वीर, गुणी और सहस्त्रबाहु था। पाताल की शोणितपुरी इसकी राजधानी थी। इसने हज़ारों वर्ष तक तपस्या करके शिव से वर प्राप्त किया था। युद्ध में स्वयं शिव आकर इसकी सहायता किया करते थे। श्रीकृष्ण के पोत्र अनिरुद्ध की पत्नी उषा इसी बाण की कन्या थी। उषा के कहने से जब उसकी सखी चित्रलेखा आकाशमार्ग से अनिरुद्ध को ले आई थी तब समाचार पाकर बाण ने अनिरुद्ध को क़ैद कर लिया। यह सुनते ही श्रीकृष्ण ने बाण पर आक्रमण किया और युद्धक्षेत्र में उसके सब हाथ काट डाले। शिव जी के कहने से केवल चार हाथ छोड़ दिए गए थे। इसके उपरांत बाण ने अपनी कन्या उषा का विवाह अनिरुद्ध के साथ कर दिया। विशेष दे॰ 'बाण'।

बाणासुर के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • राजा बलि के सौ बेटों में से सबसे बड़ा जिसकी बेटी उषा के साथ कृष्ण के पोते अनिरुद्ध के साथ विवाह हुआ था

बाणासुर के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक दैत्य राजा, ऊखीमठ (चमोली) में जिसकी बेटी ऊषा का विवाह श्री कृष्ण के पोते अनिरुद्ध से हुआ था

Noun, Masculine

  • a demon king whose daughter Usha was married to Aniruddh the grandson of Sri Krishna at Ukhimath (Chamoli).

बाणासुर के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • राजा बलि के ज्येष्ठ कुमार का नाम, जिसकी हज़ार भुजाएँ थीं तथा जो शिव जी का उपासक था

बाणासुर के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक शक्तिशाली असुर जिसका श्रीकृष्ण के पुत्र ने वध किया था।

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