baay meaning in braj
बाय के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
-
दे० 'बायु' ; बात रोग
उदाहरण
. ऊ-उर उपजी कछु बाय किधौं भंग रंग पियत ।
बाय के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
वायु, हवा
उदाहरण
. हित करि तुम पठयो लगे वा बिजना की बाय । ठरी तपन तन की तऊ चली पसीना न्याय । . एक बान वेग ही उड़ाने जातुधान जात, सूखि गए गात हैं पतौआ भए बाय के । -
बाई, वात का कोप जो प्रायः संनिपात होने पर होता है और जिसमें लोग बकते झकते हैं
उदाहरण
. जीवन जुर जुवती कुपथ्य करि भयो त्रिदोष भरि मदन बाय । -
बाउली, बेहर
उदाहरण
. अति अगाध अति ओथरो नदी कूप सर बाय । सो ताको सागर जहाँ जाकी प्यास बुझाय । - शरीर में होनेवाला वात का प्रकोप, बाई, स्त्री० = बावली (वापी), उदा०-अति अगाध अति औथरी नदी, कूप, सर, बाय, -बिहारी
बाय के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएबाय के अंगिका अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- वायु हवा (वि.) पेट में दर्द होने पर 'बाय' उखड़ना बोला जाता हैं
बाय के बघेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- विपत्ति, दुर्भाग्य, कष्ट या तकलीफ
बाय के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- सन्निपात रोग जिसमें मनुष्य अंट-शंट बकने लगता है, शीत बातजन्य एक रोग जिसमें हाथों पैरों की उंगलियों में क्षणिक दर्द और अकड़न पैदा होती है, किसी की देखा देखी किसी वस्तु की प्राप्त करने की तीव्र इच्छा
बाय के मगही अर्थ
संज्ञा
- (बाई) मां, माता; (बाई) कष्ट, परेशानी
बाय के मालवी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- वायु रोग, वात रोग, मित्र।
बाय के तुकांत शब्द
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