बनमाला

बनमाला के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

बनमाला के मगही अर्थ

संज्ञा

  • गले से पैर तक लटकती माला; वन्यवृक्ष के फूल, मंजर या पत्ते से बनी माला; तुलसी, कुंद, मदार, परजाता और कमल की माला

बनमाला के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • तुलसी, कुंद, मंदार, परजाता और कमल इन पाँच चीजों की बनी हुई माला

    विशेष
    . ऐसी माला का वर्णन हमारे यहाँ के प्राचीन साहित्य में विष्णु, कृष्ण, राम आदि देवताओं के सबंध में बहूत आता है । कहा है, यह माला गले से पैरों तक लंबी होनी चाहिए ।

बनमाला के कन्नौजी अर्थ

बन माला

  • वन माला,भगवान श्रीकृष्ण जी की माला जो घुटनों तक लम्बी होती है

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