बेल

बेल के अर्थ :

बेल के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध फल वृक्ष और उसका फल

अंग्रेज़ी ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • जमानत

बेल के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • wood-apple Aegle mamelos

Noun, Feminine

  • a creeper, flowery decoration-lace

बेल के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह स्थान जहाँ शक्कर आदि तैयार होती है
  • देखिए : 'बेला'
  • बेले का फूल

    उदाहरण
    . सिय तुव अंग रंग मिलि अधिक उदोत । हार बेलि पहिरावों चंपक होत ।

  • एक कँटीला वृक्ष जिसके फल का छिलका बहुत ही कड़ा और चिकना होता है

    उदाहरण
    . बेल के पत्ते त्रिपत्रक, संयुक्त एवं हल्की सी गंधयुक्त होते हैं ।

  • कँटीले वृक्ष से प्राप्त एक प्रकार का गोल बड़ा फल जिसका गूदा लसदार होता है

    उदाहरण
    . बेल का शर्बत पेट के लिए बहुत अच्छा होता है ।

  • जमीन पर फैलने या किसी आधार पर चढ़ने वाला कोमल पतला पौधा
  • मझोले आकार का एक प्रसिद्ध कैटीला वृक्ष जो प्रायः सारे भारत में पाया जाता है , श्रीफल , बिल्व

    विशेष
    . इसकी लकड़ी भारी और मजबूत होती है । और प्रायः खेती के औजार बनाने और इमारत के काम में आती है । इससे ऊख पेरने के कोल्हू और मूसल आदि भी अच्छे बनते हैं । इसकी ताजी गीली लकड़ी चंदन की तरह पवित्र मानी जाती है और उसे चीरने से एक प्रकार की सुगंध निकलती है । इसमें सफेद रंग के सुगंधित फूल भी होते हैं । इसकी पत्तियाँ एक सींके में तीन तीन (एक सामने और दो दोनों ओर) होती हैं जिन्हें हिंदु लोग महादेव जी पर चढ़ाते हैं । इसमें कैथ से मिलता जुलता एक प्रकार का गोल फल भी लगता है जिसके ऊपर का छिलका बहुत कड़ा होता है और जिसके अंदर गूदा और बीज हेते हैं । पक्के फल का गूदा बहुत मीठा होता है और साधारणतः खाने या शरबत आदि बनाने के काम में आता है । फल औषध के काम में भी आता है और उसके कच्चे गूदे का मुरब्बा भी बनता है । वैद्यक में इसे मधुर, कसैला, गरम, हृदय को हितकारी, रुचिकारक, दीपन, ग्राही, रूखा, पित्तकारक, पाचक, और वाताति- सार तथा ज्वरनाशक माना है ।

  • उक्त वृक्ष का गोलाकार फल जिसका गूदा पेट के रोग के लिए बहुत गुणकारी होता है, स्त्री० [सं० वल्ली] वनस्पति का वह प्रकार या वर्ग जिसमें अधिक मोटा कांड या तना नहीं होता और जो जमीन पर चारों ओर दूर तक फैलती या बाँसों, वृक्षों आदि के सहारे ऊपर की ओर बढ़ती है, लहर, लता, मुहा०-बेल मॅढ़े चढ़ना = किसी कार्य का अन्त तक ठीक ठीक या पूरा उतरना, आरंभ किये हुए कार्य में पूरी सफलता होना; उक्त के आकार-प्रकार का अंकन या चित्रकारी, जैसे-बेल-दार किनारे की साड़ी, पद-बेल-बूटे
  • एक प्रसिद्ध बहुत बड़ा पेड़ जिसकी त्वचा श्वेत वर्ण की होती तथा जिसके तने में नहीं, बल्कि शाखाओं में काँटे होते हैं, यह बहुत पवित्र माना जाता है और इसकी पत्तियाँ शिवजी पर चढ़ाई जाती हैं

अरबी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कपड़े या कागज आदि की वह बड़ी गठरी जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिये बनाई जाती है, गाँठ
  • कपड़े आदि पर बेल के आकार में बनी हुई फूल-पत्तियाँ

    उदाहरण
    . साड़ी पर बनी बेल बड़ी ही आकर्षक लग रही है ।


संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वनस्पतिशास्त्र के अनुसार वे छोटे कोमल पौधे जिनमें कांड या मोटे तने नहीं होते और जो अपने बल पर ऊपर की ओर उठाकर नहीं बढ़ सकते , वल्ली , लता , लतर

    विशेष
    . साधारणतः बेल दो प्रकार की होती है । एक वह जो अपने उत्पन्न होने के स्थान से आस पास के पृथ्वीतल अथवा और किसी तल पर दूर तक फैलती हुई चली जाती है । जैसे, कुम्हड़े की बेल । दूसरी वह जो आस पास के वृक्षों अथवा इसी काम के लिये लगाए गए बाँसों आदि के सहारे उनके चारों ओर घूमती हुई ऊपर की ओर जाती है । जैसे, सुरपेचा, मालती, आदि । साधारणतः बेलों के तने बहुत ही कोमल और बतले होते हैं और ऊपर की ओर अपने आप खड़े नहीं रह सकते ।

  • संतान , वंश
  • विवाह आदि में कुछ विशिष्ट अवसरों पर संबंधियों और विरादरीवालों की ओर से हज्जामों, गानेवालियों और इसी प्रकार के और नेगियों को मिलनेवाला थोड़ा थोडा धन , क्रि॰ प्र॰—देना , —पढ़ना
  • कपड़े या दीवार आदि पर एक पंक्ति में बनी हुई फूल पत्तियाँ आदि जो देखने में बेल के समान जान पड़ती हो
  • रेशमी या मखमली फीते आदि पर जरदोजी आदि से बनी हुई इसी प्रकार की फूल पत्तियाँ जो प्रायः पहनने के कपड़ों पर टाँकी जाती हैं
  • नाव खेने का डाँड़ , बल्ली
  • घोड़ों का एक रोग जिसमें उनका पैर नीचे से ऊपर तक सूज जाता है , बदनाम , गुमनाम

फ़ारसी ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार की कुदाली जिसपर मजदूरे जमीन खोदते हैं
  • सड़क आदि बनाने के लिये चूने आदि से जमीन पर डाली हुई लकीर जो केवल चिह्न के रूप में अथवा सीमा निर्धारित करने के लिये होती है , क्रि॰ प्र॰—डालना
  • एक प्रकार का लंबा खुरपा

संस्कृत ; विशेषण

  • दो, युग्म

    उदाहरण
    . जद जागूँ तद एकली जब सोऊँ तब बेल ।


संस्कृत ; विशेषण

  • मददगार, सहायक, साथी, दे॰ 'बेली'

    उदाहरण
    . सँग जैतावत साहिबौ, दूजो जैत दुझल्ल । जैन कमंधा बेल जे, भाँजण देत मुगल्ल ।

बेल के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • विल्ब, श्रीफल

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वे छोटे कोमल पौधे जो अपने बल पर ऊपर नहीं उठ सकते, लता बल्ली फीते पर बना हुआ जरदोजी या रेशम का काम

बेल के अवधी अर्थ

संज्ञा

  • बेल, प्रसिद्ध फल और उसका पेड़

बेल के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • लता; (पु०)-बिल्व फल

बेल के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • लता, वल्लरी

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध कटीला वृक्ष जिसके गोल फल खाए जाते हैं

Noun, Feminine

  • a climbing or creeping plant.

Noun, Masculine

  • wood apple tree and its fruit. Aegle marmelos.

बेल के बघेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बेल का फल, बराबर की जोड़

बेल के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • एक कठोर फल, श्रीफल

बेल के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • लता, रस्सा बनाने के लिए एक भाँज की रस्सी, इसी प्रकार की रस्सा बनाया जाता है, बिल्व पत्र, बिल्व वृक्ष

बेल के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • श्रीफल का पेड़ और फल
  • लत; लत्तर, अपने बल पर ऊपर की ओर उठकर नहीं बढ़ सकने वाले पौधे: बेल बूटा, फीते पर बना जरदोजी अथवा रेशम का काम; रोपने योग्य पान आदि पौधे की कलम

बेल के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • श्रीफल

संज्ञा

  • छोट बेल

Noun

  • wood apple, wood apple tree. Aegle Marmelos.

Noun

  • d of bel

बेल के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • बिल्व का वृक्ष, बेल का वृक्ष,वृषभ, लता।

अन्य भारतीय भाषाओं में बेल के समान शब्द

उर्दू अर्थ :

बेल - بیل

लेस - لیس

पंजाबी अर्थ :

बेल - ਬੇਲ

वेल - ਵੇਲ

गुजराती अर्थ :

बिल्व - બિલ્વ

बीली - બીલી

वेल - વેલ

लता - લતા

किनार - કિનાર

कोर - કોર

कोंकणी अर्थ :

बेलफळ

बेल

वेल काडप

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