bhaa.u meaning in braj
- स्रोत - संस्कृत
- देखिए - भाव
भाउ के ब्रज अर्थ
- दे० 'भाईचारा'; ( भाव ) समान
- स्वभाव
पुल्लिंग
- विचार
- प्रेम
- उत्पत्ति
- भाव, चित्त की वृत्ति
भाउ के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- चित्तवृत्ति, विचार, भाव
-
प्रेम, प्रीति
उदाहरण
. सो पद पंकज सुंदर नाउ। इत ही राखि गए भरि भाउ। . राग रोष दोष पोषे गोगन समेत मन इन्ह की भगति कीन्हों इन्ही को भाउ मै। . ते नर यह सर तजइ न काऊ। जिनके राम चरन भल भाऊ। -
उत्पत्ति, जन्म
उदाहरण
. होत न भूतल भाउ भरत को। अचर सचर चर अचर करत को। - भाव
भाउ के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- भाव, चितवृति प्रेम, स्नेह, महिमा, अवस्था
भाउ के अवधी अर्थ
संज्ञा
- भाव, दर
भाउ के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- भाव
भाउ के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
बच्चा, छोटा बच्चा, शिशु, बालक
उदाहरण
. 'तौ भाउ को छ ?' यह बालक कौन है ?
भाउ के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- मन में उत्पन्न होने वाला भाव या विचार, प्रीति, प्रेम
भाउ के मैथिली अर्थ
संज्ञा, लुप्त
- भाव
Noun, Obsolete
- feeling sentiment.
भाउ के तुकांत शब्द
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