bhadraa meaning in garhwali
भद्रा के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- पक्ष विशेष की द्वितीय, सप्तमी, द्वादशी तिथियां, फलित ज्योतिष के अनुसार शुभ कार्य के लिये एक निषिद्ध योग
विशेषण
- नकछक, हाव-भाव करने वाली, नखरे वाली
Noun, Feminine
- a typical conjugation of stars during particular days of Hindu lunar months when according to Indian astrology auspicious activities are forbidden.
Adjective
- a coquettish.
भद्रा के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- केकयराज की एक कन्या जो श्रीकृष्ण जी को ब्याही थी
- रास्ता
- आकाशगंगा
- द्वितीया, सप्तमी, द्वादशी तिथियों की संज्ञा
- प्रसारिणी लता
- जीवती
- बरियारी
- शमी ९
- बच
- दती
- हलदी
- दूर्वा
- चंसुर
- गाय
- दुर्गा
- छाया से उत्पन्न सूर्य की एक कन्या
- पिंगल में उपजाति वृत्त का दसवाँ भेद
- कटहल १९
- कल्याणकारिणी शक्ति
- पृथ्वी
- पुराणानुसार भद्रश्ववर्ष की एक नदी का नाम जो गंगा की शाखा कही गई है
- बुद्ध की एक शक्ति का नाम
- सुभद्रा का एक नाम
- कामरूप प्रदेश की एक नदी का नाम
-
फलित ज्योतिष के अनुसार एक योग जो कृष्ण पक्ष की तृतीया और दशमी के शेषार्ध में तथा अष्टमी और पूर्णिमा के पूर्वाद्ध में रहता है
विशेष
. जब यह कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में होता है, तब पृथ्वी पर जब मेष, वृष, मिथुन और वृश्चिक राशि में होता है, तब स्वर्ग लोक में और जब कन्या, धन, तुला और मकर राशि में होता है, तब पाताल में रहता है । इस योग के स्वर्ग में रहने के समय यदि कोई कार्य किया जाय तो कार्यसिद्धि और पाताल में रहने के समय किया जाय तो धन की प्राप्ति होती है । पर यदि इस योग के इस पृथ्वी पर रहने के समय कोई कार्य किया जाय तो वह बिलकुल नष्ट हो जाता है । अतः भद्रा के समय लोग कोई शुभ कार्य नहीं करते । इसे धिष्टिभद्रा भी कहते हैं । - बाधा , रोक , (बोल चाल)
भद्रा के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएभद्रा के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएभद्रा से संबंधित मुहावरे
भद्रा के अंगिका अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- आकाश गंगा, फलित ज्योतिष में द्वितीय, सप्तमी औश्र द्वादशी तिथियों का नाम, अपशकुन समय
भद्रा के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक नक्षत्र
भद्रा के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
-
केकयराज की एक कन्या का नाम ।; दे० 'पथ' ।; आकाश गंगा; द्वितीया, सप्तमी और द्वादशी तिथियों की संज्ञा; हल्दी; दूब ; गौ, ८. दे० 'दुर्गा', ९. सूर्य की एक कन्या , १०. कटहल , ११. पृथिवी , १२. कल्याण करने वाली एक शक्ति , १३. एक नदी१४. सुभद्र
उदाहरण
. बहुरों भद्रा सुमिरे हरी, गए तासु हित बिलॅब न करी।
भद्रा के मगही अर्थ
संज्ञा
- घनिष्ठा आदि पाँच नक्षत्र, प्रत्येक पक् की द्वितीया, सप्तमी और द्वादशी तिथियाँ; फलित ज्योतिष के अनुसार एक अशुभ योग जिसमें किया गया काम नष्ट हो जाता है, भदरा, भदवा, पंचक, पचखा; बाधा, अड़चन
भद्रा के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- फलित ज्यौतिषमे किछु वर्जित तिथि
Noun
- some moon-days considered evil in astrology.
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