bhaj meaning in braj

भज

भज के ब्रज अर्थ

भज'

अकर्मक क्रिया, अकर्मक

  • दे० 'भागना'

    उदाहरण
    . महाराज सिवराज तेरे वास साह भजे जिनके निकट सब नित्य ही लसत है ।


सकर्मक क्रिया, सकर्मक

  • सेवा करना , आश्रय लेना, आश्रित होना ; स्मरण करना , जपना , मच्छक

    उदाहरण
    . या जग जीवन को है यहै फल जो छल छोडि भजे रघुराई ।

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