bha.nvrii meaning in magahi
भँवरी के मगही अर्थ
संज्ञा
- दे.'भंउरी'
भँवरी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
पानी का चक्कर, भँवर
उदाहरण
. जहँ नदि नीर गँभीर तहाँ भल भँवरी परइ । छिल छिल सलिल न परै परै छबि नहिं करई । -
जंतुओं के शरीर के ऊपर वह स्थान जहाँ के रोएं और बाल एक केंद्र पर घूमे हुए हों, बालों का इस प्रकार का घुमाव स्यानभेद से सुभ अथवा अशुभ लक्षण माना जाता है
उदाहरण
. स्याम उर सुधा दह मानौ । - उरजु भँवरी भँवर, मीनौ नील मनि की कांति, भृगुचरन हिय चिह्न ये सब जीव जल बहु भाँति, —सूर॰, १०,
भँवरी के अंगिका अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- भँवर, पानी का चक्कर, जन्तुओं के शरीर पर का वह स्थान जहाँ पर रोंवे या बाल एक केन्द्र पर घूमे रहते हैं
भँवरी के अवधी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- फेरी
स्त्रीलिंग
- मनुष्य के बालों का चक्र, पशु के मत्थे या पीठ आदि पर बालों का चक्र
भँवरी के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- भ्रमरी
भँवरी के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक विशेष प्रकार का वाद्ययंत्र, मोछंग
Noun, Masculine
- a special type of musical instrument.
भँवरी के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग
- भ्रमरी,पु. भ्रमर।
भँवरी के तुकांत शब्द
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