भरत

भरत के अर्थ :

भरत के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • कच्चा इनार
  • दे. भरदूआ

Noun

  • mud-well.

भरत के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • capacity
  • loading/load
  • quantity
  • filler
  • the celebrated son of ancient king Dushyant and his consort Shakuntala: whose name is said to have formed the basis for this country's name भारत
  • the most ancient of all known Indian dramaturgists (whose celebrate

भरत के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • कैकेयी के गर्भ से उत्पन्न राजा दशरथ के पुत्र और रामचंद्र के छोटे भाई जिनका विवाह मांडवी के साथ हुआ था

    विशेष
    . ये प्रायः अपने मामा के यहाँ रहते थे और दशरथ के देहांत के उपरांत अयोध्या आए थे । दशरथ का श्राद्ध आदि इन्हीं ने किया था । कैकेयी ने इन्हीं को अयोध्या का राज्य दिलवाने के लिये रामचंद्र को बनवास दिलाया था; पर इसके लिये इन्होंने अपनी माता की बहुत कुछ निंदा की थी । रामचंद्र की ये सदा अपने बड़े भाई के तुल्य मानते थे और उनके प्रति बहुत श्रद्धा रखते थे । पिता के देहांत के उपरांत रामचंद्र को अयोध्या वापस लाने के लिये भी यही चित्रकूट गए थे । जब रामचंद्र किसी प्रकार आने के लिये तैयार नहीं हुए, तब ये अपने साथ उनकी पादुका लेते आए और उसी पादुका को सिंहासन पर रखकर रामचंद्र के आने के समय तक अयोध्या का शासन करते रहे । जब रामचंद्र लौट आए तब इन्होंने राज्य उन्हें सौंप दिया । इनको तक्ष और पुष्कर नामक दो पुत्र थे । उन्हीं पुत्रों को साथ लेकर इन्होने गंधर्व देश के राजा शैलुश के साथ युद्ध किया था और उसे परास्त करके उसका राज्य अपने दोनों पुत्रों में बाँट दिया था । पीछे ये रामचंद्र के साथ स्वर्ग चले गए थे ।

  • भागवत के अनुसार ऋषभदेव के पुत्र का नाम , वि॰ दे॰ 'जड़भरत'
  • शकुंतला के गर्भ से उत्पन्न दुष्यंत के पुत्र का नाम जिसका जन्म कण्व ऋषि के आश्रम में हुआ था

    विशेष
    . जन्म के समय ऋषि ने इनका नाम सर्वदमन रख था और इनको शकुंतला के साथ दुष्यंत के पास भेज दिया था । दे॰ 'दुष्यंत' । बड़े होने पर ये बड़े प्रतापी और सार्वभौम राजा हुए । विदर्भराज की तीन कन्याओं से इनका विवाह हुआ था । इन्होंने अनेक अश्वमेध और राजसूय यज्ञ किए थे । इस देश का 'भारतवर्ष' नाम इन्हीं के नाम पर पड़ा है ।

  • एक प्रसिद्ध मुनि जो नाट्यशास्त्र के प्रधान आचार्य माने जाते है

    विशेष
    . संभवतः ये पाणिनि के बाद हुए थे; क्योंकि पाणिनि के सूत्रों में नाट्यशास्त्र के शिलालिन् और कृशाश्व दो आचार्यों का तो उल्लेख है, पर इनका नाम नहीं आया है । इनका लिखा हुआ नाट्यशास्त्र नामक ग्रंथ बहुत प्रसिद्ध और प्रामाणिक माना जाता है । कहा जाता है, इन्होंने नाट्य- कला ब्रह्मा से और नृत्यकला शिव से सीखी थी ।

  • संगीत शास्त्र के एक आचार्य का नाम
  • वह जो नाटकों में अभिनय करता हो , नट
  • शबर
  • तंतुवाय , जुलाहा ९
  • क्षेत्र , खेत
  • वह जो शस्त्रादि आयुधों से जीविकार्जन करता हो , सैनिक , आयुधजीवी (को॰)
  • आग्नि (को॰)
  • प्राचीन काल का उत्तर भारत का एक देश जिसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में है
  • जैनों के अनुसार प्रथम तीर्थकर ऋषभ के ज्येष्ठ पुत का नाम
  • लवा पक्षी का एक भेद जो प्रायः सारे भारत में पाया जाता है

    विशेष
    . यह पक्षी लंबा होता है और झुंड में रहता है । जाड़े के दिनों में खेतों और खुले मैदानों में इसके झुंमड बहुत पाए जाते हैं । इसका शब्द बहुत मधुर होता है और यह बहुत ऊँचाई तर उड़ सकता है । यह प्रायः अंडे देने के समय जमीन पर घास से घोसला बनाता है और एक बार में ४-५ अंडे देता है । यह अनाज के दाने या कीड़े मकोड़े खाकर अपना निर्वाह करता है ।


देशज ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • काँसा नामक धातु, कसकुट, वि॰ दे॰ 'काँसा'
  • काँसे के बरतन बनानेवाला, ठठेग

हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • मालगुजारी, (दिल्ली)

भरत के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

भरत के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दशरथ के पुत्र, राम के भाई, शकुन्तला पुत्र जिसके नाम से भारतवर्ष हुआ, नाट्य शास्त्र के प्रवर्तक 'भरत'

भरत के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कैकेयी नंदन, राम के छोटे भाई

भरत के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • राजा दशरथ के चार पुत्रों में से एक का नाम; राजा दुष्यन्त के पुत्र का नाम |

Noun, Masculine

  • son of Raja Dashrath; son of Raja Dusyant.

भरत के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दशरथ नन्दन श्री राम के मझले भाई

भरत के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • पुरुवंशी एक राजा , यह महाराज दुष्यंत के के पुत्र थे और शकुंतला के गर्भ से उत्पन्न हुए थे, इन्हीं के नाम पर यह देश भारतवर्ष कहलाया; महाराज दशरथ के पुत्र जो कैकेयी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे, यह श्री रामचंद्र से के छोटे भाई थे इन जैसा आदर्श छोदा भा

    उदाहरण
    . मृग के मोह भरत नृप मृग हुवै चर्यो सघन बिच चारो ।

  • ऋषम देव के चतृथं पुत्र ; शवर ; तंतुवाय, ८. क्षेत्र , ९. प्राचीन कालीन उत्तर भारत का एक भूखंड , १०. लवा पक्षी विशेष , ११. कांसा धातु , १२. कास्यकार
  • मालगुजारी

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