bhavketu meaning in braj

भवकेतु

भवकेतु के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

भवकेतु के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • एक पुच्छलतारा

भवकेतु के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वृहत्संहिता के अनुसार एक पुच्छल तारा जो कभी-कभी पूर्व में दिखाई देता है और जिसकी पूँछ शेर की पूँछ की भाँति दक्षिणावर्त होती है, कहते हैं, जितने मुहूर्त तक यह दिखाई देता है, उतने महीने तक भीषण अकाल या महामारी आदि होती है

भवकेतु के तुकांत शब्द

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