भोजपत्र

भोजपत्र के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

भोजपत्र के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का मझोले आकार का वृक्ष जो हिमालय पर १४००० फुट की उँचाई तक होता है

    विशेष
    . इसकी लकड़ी बहुत लचीली होती है और जल्दी ख़राब नहीं होती, इसलिए पहाड़ों में यह मकान आदि बनाने के काम में आती है, इसकी पत्तियाँ प्रायः चारे के काम में आती हैं, इसकी छाल काग़ज़ के समान पतली होती है और कई परतों में होती है, यह छाल प्राचीन काल में ग्रंथ और लेख आदि लिखने में बहुत काम आती थी और अब भो तांत्रिक लोग इसे बहुत पवित्र मानते और इस पर प्रायः यत्र मंत्र आदि लिखा करते हैं, इसके अतिरिक्त छाल का उपयोग छाते बनाने और छतें छानें में भो होता है और कभी-कभी यह पहनने के भी काम आती है, छाल का रंग प्रायः लाली लिए ख़ाकी होता है, इसके पत्तों का क्वाथ वातनाशक माना जाता है, वैद्यक में इसे बलकारक, कफनाशक, कटु कषाय और उष्ण माना गया है।

    उदाहरण
    . पंडितजी भोजपत्र की छाल पर तारक मंत्र लिख रहे हैं।

भोजपत्र के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • the bark of the birch tree (which was used to write on in olden times)

भोजपत्र के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक वृक्ष जिसकी छाल प्राचीन समय में पुस्तकादि लिखने का काम आती थी

भोजपत्र के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भोजपत्र-चेरी (पद्म) प्रजाति का एक हिमप्रदेशीय वृक्ष जो अति प्राचीन काल से धर्मग्रन्थों को लिखने के लिए काम में लाया जाता था

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भूर्ज

भोजपत्र के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भोजवृक्ष की छाल

Noun, Masculine

  • bark of Bhoj tree.

भोजपत्र के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भुर्जपत्र

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