बीर

बीर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

बीर के गढ़वाली अर्थ

विशेषण

  • बहादुर, शक्तिशाली

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक तरह का प्रेत

संज्ञा, पुल्लिंग

  • नृसिंह भगवान का एक नाम

Adjective

  • bold, brave, valiant; hero.

Noun, Masculine

  • a kind of evil spirit, a ghost.

Noun, Masculine

  • name of god Nrisimha, an incarnation of lord Vishnu.

बीर के अँग्रेज़ी अर्थ

Adjective

  • brave
  • intrepid

बीर के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • देखिए : 'वीर'

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भाई, भ्राता

    उदाहरण
    . चिरजीवी जोरी जुरे क्यों न सनेह गँभीर । को घटि ये वृषभानुजा वे हलधर के बीर । . सबै ब्रज है यमुना के तीर । काली नाग के फन पर नितंत संकर्षण को बीर ।

  • एक देवयोनि जिनकी संख्या ५२ कही जाती है

    उदाहरण
    . प्रसन चंद सम जतिय दिन्न इक मंत्र इष्ट जिय । इह आराधत भट्ट प्रगट पचास बीर बिय ।

  • जादू, टोना, मुवक्किल, हमज़ाद, जिन्न, बुरी आत्मा जो जादू करे

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • सखी , सहेली

    उदाहरण
    . यह जा यसोदा के पास बैठी ओर किशल पूछ अशीश दी कि बीर तेरा कान्ह जीवे कोठि बरस । . बार बुद्धि बालनि के साथ ही बढ़ी है बीर कुचनि के साथ ही सकुच उर आई है ।

  • एक आभूषण जिसे स्त्रियाँ कान में पहनती है , बिरिया , चाँद बोल

    विशेष
    . यह गोल चक्राकार होता है ओर इसका ऊपरी भाग ढालुआँ ओर उठा हुआ होता है । इसके दूसरी ओर खूँटी होती है जो कान के छेद में डालकर पहनी जाती है । इसमें ढाई तीन अंगुल लंबी कँगनीदार पूँछ सी निकली रहती है जिसमें प्रायः स्त्रियाँ रेशम आदि का झब्बा लगवाती हैं । यह झब्बा पहनते समय सामने कान की ओर रहता है ।

    उदाहरण
    . अंग अंग अनंग झलकत सोहत कानन बीरै सोभा देत देखत ही बनै जोन्ह सी फूली । . लसैं बीरैं चका सी चलैं श्रुति में भृकुटी जुवा रूप रही छबि छवै ।

  • कलाई में पहनने का एक प्रकार का गहना , बेरवा

    उदाहरण
    . हाथ पहुँची बीर कंगन जरित मुँदरी भ्राजई ।

  • पशुओं को चराने का स्थान , चरागाह , चरी
  • चरागाह में पशुओं को चराने का वह महसूल जो पशुओं की संख्या के अनुसार लिया जाता है

बीर के अंगिका अर्थ

विशेषण

  • बहादूर, लड़क, सैनिक

बीर के अवधी अर्थ

विशेषण

  • बहादुर

बीर के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भाई

बीर के कुमाउँनी अर्थ

विशेषण

  • बीर, बलवान, बलशाली

बीर के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • केले का कोमल पत्ता

विशेषण

  • साहसी

बीर के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • लो. गी. सोजा बारे बीर, बीर की बलैया लै हों जमुना के तीर

बीर के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • योद्धा।; पुत्र ।; लड़का ।; पति ; भाई ; विष्णु ; साहित्य के नौ रसों में से एक, ८. तंत्रानुसार साधना के तीन भावों में से एक , ९. कार्यकुशल व्यक्ति , १०. यज्ञाग्नि , ११. सीगिया विष , १२. काली मिर्च , १३. कलाई का आभूषण , १४. चरागाह १५. प

विशेषण, स्त्रीलिंग

  • बहादुर , साहसी, वीर

    उदाहरण
    . कंप नहि पांव घरै नहि धीर, टरै न तहाँ ठठियालपि बीर ।

  • सखी

    उदाहरण
    . आय बीर चित चोरनवारी, लग मोहि प्रानन ते प्यारी ।

  • आभूषण जिसे स्त्रियाँ कान में पहनती है , ( यह गोल चक्राकार होता है और इसका ऊपरी भाग ढलुआ और उठा हुआ होता है तथा दूसरी ओर खूटी होती है )

बीर के मगही अर्थ

  • वीर और पराक्रमी

बीर के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भाई, भ्राता, महावीर, कान का एक गहना, तरना।

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