बिजली

बिजली के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

बिजली के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • विद्युत बादलों के टकराने तथा रासायनिक क्रिया से उत्पन्न होने वाला वह प्रकाश जो प्रकाश में कभी कभी दिख पड़ता है

बिजली के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • electricity
  • lightning
  • thunderbolt
  • an ear-ornament, top

बिजली के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रसिद्ध शक्ति जिसके कारण वस्तुओं में आकर्षण और अपकर्ण होता है और जिससे कभी कभी ताप और प्रकाश भी उत्पन्न होता है , विद्युत्

    विशेष
    . यह शक्ति सब वस्तुओं में और सदा नहीं होती, बल्कि कुछ विशिष्ट क्रियाओं की सहायता से उत्पन्न होती है । यह शक्ति एक तो घर्षण से और दूसरे रासायनिक क्रियाओं से उत्पन्न होती है । मोर पंख को थोड़ी देर तक उँगलियों से, लाह के टुकड़े को फलालीन से अथवा शीशे को रेशम से रगड़ने पर यह शक्ति उत्पन्न होती है । ऐसी बिजली के घनात्मक और ऋणात्मक ये दो भेद होते हैं । जब दो वस्तुओं को एक साथ रगड़ते हैं तो उनमें से एक से धन विद्युत् और दूसरी में से ऋण विद्युत् उत्पन्न होती है । बिजली कुछ विशिष्ट पदार्थों में चलती भी है और अत्यंत वेग से (प्रति सेंकंड २९००००मील अथवा प्रकाश के वेग की अपेक्षा डयोढ़े वेग से) चलती है । ऐसे पदार्थों को चालक कहते हैं । इनके एक सिरे पर यदि बिजली पहुँच जाय तो वह तुरंत उनके दूसरे सिरे पर जा पहुँचती है । धातुएँ, जल, वृक्ष, शरीर, बर्फ, आदि पदार्थ चालक हैं । कुछ पदार्थ ऐसे भी होते हैं जिनमें बिजली का संचालन नहीं होता ओर जिनको अवरोधक कहते हैं । जैसे, चूना, हवा, रेशम, शीशा, मोम, ऊन, लाह, आदि । घर्षण से जो बिजली उत्पन्न होती हैं, वह बहुत ही थोड़ी होती है और उसके उत्पादन में परिश्रम भी अधिक होता है । इसलिये वैज्ञानिकों ने अनेक रासायनिक प्रयोंगों और क्रियाओं की सहायता से बिजली उत्पन्न करने के उपाय निकाले हैं । ऐसे उपायों से थोड़े व्यय और कम परिश्रम से कम समय में बहुत अधिक बिजली उत्पन्न की जाती है जो एकत्र या संग्रह करके भी रखी जाती है । ये यंत्र अनेक आकार और प्रकार के होते हैं और इनसे बहुत अधिक मान में बिजली उत्पन्न होती है । इस प्रकार उत्पन्न की हुई बिजली से आजकल अनेक प्रकार के कार्य लिये जाते है । जैसे, रोशनी करना, पंखा चलाना, अनेक प्रकार की गाड़ियाँ चलाना, एक धातु पर दूसरा धातु चढ़ाना, समाचार भेजना, इत्यादि, इत्यादि । आजकल भारत के बड़े बड़े नगरों में ऐसी ही बिजली की सहायता से ट्राम गाड़ियाँ और अनेक प्रकार की मशीनें चलती हैं और रोशनी होती है । इससे अनेक प्रकार के रोगों की चिकित्साएँ भी होने लगी हैं । यदि यह बिजली अधिक मान में हो और मनुष्य के शरीर से उसका स्पर्श हो जाय तो उससे तुरंत ही मृत्यु भी हो सकती है ।

  • आकाश में सहसा उत्पन्न होने वाला वह प्रकाश जो एक बादल से दूसरे बादल में जाने वाली अथवा किसी बादल से पृथ्वी की ओर आने वाली वातावरण की बिजली के कारण उत्पन्न होता है, चपला

    विशेष
    . साधारणतः वातावरण में सदा कुछ न कुछ बिजली रहती है जो प्रायः धनात्मक होती है और जो पृथ्वी से कुछ ऊँचाई पर पाई जाती है । वैज्ञानिकों का मत है कि सूर्य की किरणों के कारण पानी से जो भाप बनती है, उसके साथ इस बिजली का विशेष संबंध हैं; क्योंकि प्रातःकाल वातावरण में यह बिजली थोड़े परिणाम में रहती हैं और ज्यों ज्यों दिन चढ़ता है, त्यों त्यों बढ़ती जाती है । इसके अतिरिक्त बादलों में भी कहीं धनात्मक और कहीं ऋणात्मक बिजली रहती है । जब धनात्मक और ऋणात्मक बिजलीवाले दो बादल आमने सामने आते हैं, तब पहले उनका उन दोनों की बिजली में आकर्षण होता है और अब उसका विसर्जन होता है जिससे प्रकाश देख पड़ता है । जिस समय कोई धन विद्युतवाला बादल पृथ्वी के सामने आता है, उस समय पृथ्वी के ऊपर की ओर ऋणविद्युत् उत्पन्न होती है और तब दोनों मिलकर विसर्जित होती हैं जिससे प्रकाश होता है । यही बिजली आकाश से तिरछी रेखा के रूप में पृथ्वी की ओर बड़े वेग से चलती है और उसके मार्ग में जो कुछ पड़ता है, उसे जला या नष्ट कर देती है । इसी को साधारण बोलचाल की भाषा में बिजली गिरना या बिजली पड़ना आदि कहते हैं । इसके मार्ग में पड़नेवाले वृक्ष और घर गिर जाते हैं और मनुष्य या दूसरे जीव मर जाते हैं । यह प्रकाश प्रायः मीलों लंबा होता हैं और इसकी गति प्रायः वक्र होती है । गति की वक्रता का कारण यह है कि वातावरण में इसे जिधर सबसे कम अवरोध मिलता है, उधर ही यह बढ़ चलती है । बादलों के गरजने का कारण भी यही बिजली है; क्योंकि जब बादलों में से इसका विसर्जन होता है, तब वायु में बहुत अधिक गड़बड़ी उत्पन्न हो जाती है । कभी ऐसा भी होता है कि यह प्रकाश एक लंभी चादर के रूप में दिखाई पड़ता है । पर यह प्रायः क्षितिज के पास और उसी समय दिखाई देता है जब वर्षा अथवा तूफान बहुत दूर पर हो । कभी कभी बिजली के गोले भी आकाश से नीचे गिरते हुए दिखाई देते हैं जो पृथ्वी तक पहुँचने से पहले ही भीषण शब्द उत्पन्न करते हुए फट जाते हैं । पर ऐसे गोले बहुत ही कम गिरते हैं और कुछ ही क्षणों तक दिखाई देते है।

  • आकाश में सहसा क्षण भर के लिए दिखाई देने वाला वह प्रकाश जो बादलों में वातावरण की विद्युत शक्ति के संचार के कारण होता है

    उदाहरण
    . आकाश में रह-रहकर बिजली चमक रही थी ।

  • आम की गुठली के अंदर की गिरी
  • आम की गुठली के अंदर की गिरी

    उदाहरण
    . बच्चा आम की गुठली को तोड़कर बिजली निकाल रहा है ।

  • गले में पहनने का एक प्रकार का गहना
  • कुछ विशिष्ट क्रियाओं से उत्पन्न की जानेवाली एक शक्ति जिससे वस्तुओं में आकर्षण और अपकर्षण तथा ताप और प्रकाश होता है

    उदाहरण
    . पानी से भी बिजली उत्पन्न की जाती है ।

  • कान में पहनने का एक प्रकार का गहना

विशेषण

  • बहुत अधिक चंचल या तेज
  • बहुत अधिक चमकनेवाला, चमकीला

बिजली के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

बिजली से संबंधित मुहावरे

बिजली के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • मेघक चमक
  • एक भौतिक ऊर्जा

Noun

  • lightning
  • electricity.

बिजली के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • चपला, दामिनी, विद्युत।

अन्य भारतीय भाषाओं में बिजली के समान शब्द

पंजाबी अर्थ :

बिजली - ਬਿਜਲੀ

गुजराती अर्थ :

वीजळी - વીજળી

वीज - વીજ

उर्दू अर्थ :

बिजली - بجلی

कोंकणी अर्थ :

वीज

विद्युत

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