biraaj meaning in braj
बिराज के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
-
अवस्थित होना , सुशोभित होना
उदाहरण
. –श्री गोकुल में प्रगट बिराजे श्री बिट्ठल पुरुषोत्तम छी० २३/६
बिराज के तुकांत शब्द
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