बिरति

बिरति के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

बिरति के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • 'विरक्ति'

बिरति के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बहुत रात; बिलंब

बिरति के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • जजमानी प्रथा, जिसके अनुसार, निश्चित क्षेत्र में अपना व्यवसाय (वृति) के अनुसार कार्य करने का अधिकार बंटा रहता है

Noun, Feminine

  • the area of activity of priests and some other professionals, the professional prerogative of priests and some others.

बिरति के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • अनुरागहीनता, चाह का अभाव ; सांसारिक विषयों से विराग

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