ब्रह्माण्ड

ब्रह्माण्ड के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ब्रह्माण्ड के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चौदहों भुवनों का समूह , विश्वगोलक , संपूर्ण विश्व, जिसके भीतर अनंत लोक हैं

    विशेष
    . मनु ने लिखा है कि स्वयं भगवान ने प्रजासृष्ठि की इच्छा से पहले जल की ���ृष्टि की ओर उसमें बीज फेंका । बीज पड़ते ही सूर्य के समान प्रकाशवाला स्वर्णाभ अड या गोला उत्पन्न हुआ । पितामह ब्रह्मा का उसी अंड या ज्योति- र्गोलक में जन्म हुआ । उसमें अपने एक संवत्सर तक निवास करके उन्होंने उसके आधे आध दो खंड किए । ऊर्ध्वखड में स्वर्ग आदि लोकों को ओर अधोखंड में पृथ्वी आदि की रचना की । विश्वगोलक इसी से ब्रह्मांड कहा जाता है । हिरण्यगर्भ से सृष्टि की उत्पत्ति श्रुतियों में भी कही गई है । ज्योतिर्गोलक की यह कल्पना जगदुत्पत्ति के आधुनिक सिद्धांत से कुछ कुछ मिलती जुलती है जिसमें आदिम ज्योतिष्क नीहारिकामंडल या गोलक से सूर्य ओर ग्रहों उपग्रहों आदि की उत्पत्ति निरूपित की गई है ।

  • मत्स्यपुराण के अनुसार एक महादान जिसमें सोने का विश्व- गोलक (जिसमें लोक, लोकपाल आदि वने रहते हैं) दान दिया जाता है
  • खोपड़ी , कपाल

ब्रह्माण्ड के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

ब्रह्माण्ड से संबंधित मुहावरे

ब्रह्माण्ड के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • संपूर्ण सृष्टि

    उदाहरण
    . नाइक अनेक ब्रह्मांड को एक राम संतन सरन ।

  • खोपड़ा

ब्रह्माण्ड के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • ब्रह्मा द्वारा सृजित विशाल अण्डा जाहिसँ संसार उत्पन्न भेल

Noun

  • the great egg of myth created by Brahma from which this universe sprung out. 2. fagal universe, cosmos.

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