broD meaning in braj

ब्रोड़

ब्रोड़ के ब्रज अर्थ

अकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, अकर्मक

  • दे० 'ब्रोड़ा'
  • लजाना , शर्म करना, हया करना

    उदाहरण
    . क्रीड़त जुवतिन संम हरि, ब्रीड़त कोटि अनंग ।

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