च के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

च के हिंदी अर्थ

संज्ञा

  • संस्कृत या हिंदी वर्णमाला का २२ वाँ अक्षर और छठा व्यंजन जिसका उच्चारण स्थान तालु है, यह स्पर्श वर्ण है और इसके उच्चारण में श्वास, विवार, घोष और अल्पप्राण प���रयत्न लगते हैं
  • हिंदी वर्णमाला का छटवाँ और चवर्ग का पहला व्यंजन अक्षर

    उदाहरण
    . च का उच्चारण स्थल तालू है ।


संज्ञा, पुल्लिंग

  • कच्छप, कछुआ
  • चंद्रमा
  • चोर
  • दुर्जन
  • शिव
  • चर्वण, भक्षण

विशेषण

  • निर्बींज
  • बुरा, अधम
  • शुद्ध

अव्यय

  • और

च के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun

  • the first letter of the second pentad (i.e. चवर्ग) of the Devna:gri: alphabet
  • a click sound produced by the impact of the tongue on the hard palate as an expression of pity, disgust, etc., what a pity! How sad! How bad! etc., also च् ..च्..

च के अंगिका अर्थ

च:

  • हैय अंगिका वर्णमाला में स्पर्श व्यंजन केरों अंर्तगत चवर्ग रॉ पैहला वर्ण छेकय । हेकरों उच्चारण स्थान तालु छै

च के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला के 'च' वर्ग का पहला वर्ण. इसका उच्चारण-स्थान तालु है

च के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का छठा व्यंजन वर्ण

क्रिया

  • है, होना क्रिया का वर्तमान कालिक एकवचन रूप, गढ़वाली की सर्वाधिक आवृति वाली आस्तिववाची क्रिया
  • the sixth consonant of Devanagari alphabet.

verb

  • is.

च के बुंदेली अर्थ

  • हिन्दी वर्णमाला का प्रथम देवनागरी तालव्य वर्ण, इसका उच्चारण स्थान तालु है

च के ब्रज अर्थ

  • नागरी वर्णमाला में च वर्ग का प्रथम व्यंजन

पुल्लिंग

  • शिव; चंद्रमा ; कछुआ; दुर्जन ; चोर

च के मैथिली अर्थ

  • वर्णमालाक छठम व्यञ्जन
  • 6th consonant of alphabet.

च के मालवी अर्थ

  • मालवी एवं देवनागरी वर्णमाला के च वर्ग का अक्षर।

अव्यय

  • ही (निश्चय वाचक) ओर।

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