चाड़

चाड़ के अर्थ :

चाड़ के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • चॉड़, तीव्र, अभिलाषा,प्रेमचाह

चाड़ के हिंदी अर्थ

हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • गहरी चाह, चाव, प्रेम

    उदाहरण
    . कुच गिरि चड़ि अति ह्वै चली दीठि मुख गाड़। फिरि न ढरी परियै रही परी चिबुक के गाड़। . हित पुनीत सब स्वारथहि अरि अशुद्ध बिन चाड़। निज मुख मारिकसम दसन भूमि परे ते हाड़। . काहे को काहु को दीजै उराहनो ईवै इहाँ हम आपनी चाड़ैं

  • चाँड़

संस्कृत ; विशेषण

  • चुग़लख़ोर

    उदाहरण
    . साह दुकानाँ चोरटा, साहब कांनां चाड़। लागे वित मत हर लिए, बे शोभा का फाड़।

चाड़ के कुमाउँनी अर्थ

  • पक्षी, बहुबचन- चाड-चिड़िया, चटक

चाड़ के ब्रज अर्थ

चाड़

  • चाह, प्रेम
  • लत

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