छाँह

छाँह के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

छाँह के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह स्थान जहाँ आड़ या रोक के कारण धूप या चाँदनी न पड़ती हो , छाया जैसे, पेड़ की छाह

    उदाहरण
    . हरषित भये नँदलाल बैठि तरु छाँह में ।

  • ऐसा स्थान जिसके ऊपर मेंह आदि रोकने के लिये कोई वस्तु हो , ऊपर से आवृत या छाया हुआ स्थान , जैसे—पानी बरस रहा है, छाँह में चलो , ३ बचाव या निर्वाह का स्थान , शरण , संरक्षा , जैसे—अब तो तुम्हारी छाँह में आ गए हैं; जो चाहो सो करो
  • पदार्थें का छायारूप आकार जो उनके पिंडों पर प्रकाश रुकने के कारण धूम, चाँदनी या प्रकाश में दिखाई पड़ता है , परछाई

    उदाहरण
    . आँगन में आई पछताई ठाढ़ी देहली में, छाँह देखे अपती औ राह देखे पिय की ।

  • पदार्थों का आकार जो पानी, शीशे आदि में दिखाई पड़ता है , प्रतिबिंब

    उदाहरण
    . केहि मग प्रविसति जाति हँक ज्यों दरपन महँ छाँह । तुलसी त्यों जगजीव गति करी जीव के नाँह ।

  • भूत प्रेत आदि का प्रभाव , आसेब , बाधा

    उदाहरण
    . भाल की, कि काल की, कि रोष की, त्रिदोष की है, वेदना विषम पाप ताप छल छाँह की ।

छाँह के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

छाँह से संबंधित मुहावरे

छाँह के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • छाया, परछाई

छाँह के ब्रज अर्थ

  • परछाई , प्रतिबिंब
  • प्रतिकृति
  • पंक्ति
  • भूत-प्रेत आदि की बाधा
  • कांति, दीप्ति
  • रागिनी विशेष
  • दुर्गा
  • सूर्य की पत्नी
  • आर्या छंद का एक भेद

छाँह के मगही अर्थ

  • छहुँरी, साया, अक्स; शरण, आश्रय; ऊपर से छाया हुआ स्थान; परछाई; भूत-प्रेत का प्रभाव, दे. 'छहुँरी'

संज्ञा

  • दे. 'छान'

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