चातक

चातक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

चातक के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक पक्षी जो वर्षाकाल में बहुत बोलता है , पपीहा , वि॰ दे॰ 'पपीहा'

    विशेष
    . इस पक्षी के विषय में प्रसिद्ध है कि यह नदी, तड़ाग आदि का संचित जल नहीं पीता, केवल बरसात हुआ पानी पीता है । कुछ लोग यहाँ तक कहते हैं कि यह केवल स्वाती नक्षत्र की बूँदों ही से अपनी प्यास बुझाता है । इसी से यह मेघ की ओर देखता रहता है और उससे जल की याचना करता है । इस प्रवाद को कवि लोग अपनी कविता में बहुत लाए हैं । तुलसीदास जी ने तो अपनी सतसई में इसी चातक को लेकर न जाने कितनी सुंदर उक्तियाँ कही हैं ।

  • पपीहा या सारंग नामक पक्षी
  • रहस्य संप्रदाय में मन
  • एक प्रकार का पपीहा जो संपूर्ण भारत में पाया है

चातक के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

चातक के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • an Indian bird—Cuculus melanoleucus

चातक के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पपही

चातक के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पपीहा

चातक के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • एक पक्षी जे काव्य-परम्पराक अनुसार केवल स्वाती नक्षत्रक वर्षाक बिन्दु पिबैत अछि

Noun

  • a bird (believed to drink only rain water in स्वाती); Cuculus melanoleucus.

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