chakk meaning in braj
चक्क के ब्रज अर्थ
विशेषण, पुल्लिंग
- पीड़ा
- भरपूर
पुल्लिंग
- चकवा , २ कुम्हार का चाक ; तरफ , दिशा ; चक्र
चक्क के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- पीड़ा, दर्द
-
चक्रवाक , चकवा
उदाहरण
. हंस मानसर तज्यो चक्क चक्की न मिलै अति । - कुम्हार का चाक
-
दिशा , प्रांत
उदाहरण
. पैज प्रतिपाल भूमिहार को हमाल चहुँ चक्क को अमाल भयो दंडक जहान को । . भूषन भनत वह चहूँ चक्क चाहि कियो पातसाहि चक ताकि छाती माहिं छेवा है । भूषण (शब्द॰) . आन फिरत चहुँ चक्क धाक- धक्कन गढ़ धुक्कहिं ।
चक्क के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- अनुकूल स्थिति, अतिरिक्त संतोषजनक स्थिति, एक भू-स्वामी की एक साथ कृषि भूमि,
चक्क के मगही अर्थ
प्राकृत ; संज्ञा
- चक्र; चक्का, चक्का जैसी कोई गोलाकार वस्तु; कुम्हार की चाक; फेर, चक्कर; किसी किसान का एक साथ फैला विस्तृत भू-खंड, चक, दे. 'चकबंदी'
चक्क के तुकांत शब्द
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