चक्र

चक्र के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

चक्र के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पहिए के आकार का अस्त्र, चक्का, पहिया, भँवर, तालिका, एक सूर्याकार चिह्र जो अंगुली के पोरों पर होता है

चक्र के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a wheel
  • cycle
  • circle
  • disc, discus
  • discus-shaped missile

चक्र के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पहिया , चाका
  • कुम्हार का चाक
  • चक्की , जाँता
  • तेल पेरने का कोल्हू
  • पहिए के आकार की कोई गोल वस्तु
  • लोहे के एक अस्त्र का नाम जो पहिए के आकार का होता है

    विशेष
    . इसकी परिधि की धार बड़ी तीक्ष्ण होती है । शुक्रनीति के अनुसार चक्र तीन प्रकार का होता है—उत्तम, मध्यम और अधम । जिसमें आठ आर (आरे) हों वह उत्तम, जिसमें छह हों वह मध्यम, जिसमें चार हों वह अधम है । इसके अतिरिक्त तोल का भी हिसाब है । विस्तारभेद से 16 अंगुल का चक्र उत्तम माना गया है । प्राचीन काल में यह युद्ध के अवसर पर नचाकर फेंका जाता था । यह विष्णु भगवान् का विशेष अस्त्र माना जाता था । आजकल भी गुरु गोविंदसिंह के अनुयायी सिख अपने सिर के बालों में एक प्रकार का चक्र लपेटे रहते हैं ।

  • पानी का भँवर
  • वातचक्र , बंवडर
  • समूह , समुदाय , मंडली
  • दल , झुंड , सेना
  • एक प्रकार का व्यूह या सेना की स्थिति , दे॰ 'चक्रव्यूह'
  • ग्रामों या नगरों का समूह , मंडल , प्रदेश , राज्य
  • एक समूद्र से दूसरे समूद्र तक फैला हुआ प्रदेश , आसमुद्रांत भूमि
  • चक्रवाक पक्षी , चकवा
  • तगर का फूल , गुलचाँदनी
  • योग के अनुसार मूलाधार स्वाधिष्ठान, मणिपुर आदि शरीरस्थ छह पद्म
  • मंडलाकार घेरा , वृत , जैसे,— राशिचक्र
  • रेखाओं से घिरे हुए गोल या चौखूँटे खाने जिनमें अंक, अक्षर, शब्द आदि लिखे हों , जैसे,—कुंडलीचक्र

    विशेष
    . तंत्र में मंत्रों के उद्धार तथा शुभाशुभ विचार के लिये अनेक प्रकार के चक्रों का व्यवहार होता है । जैसे,—अकडम चक्र, अकथचक्र, कुलालचक्र आदि । रुद्रयामल आदि तंत्र ग्रंथों में महाचक्र, राजचक्र, दिव्यचक्र आदि अनेक चक्रों का उल्लेख है । मंत्र के उद्धार के लिये जो चक्र बनाया जाते हैं, उन्हें यंत्र कहते हैं ।

  • हाथ की हथेली या पैर के तलवे में घूमी हुई महीन महीन रेखाओं का चिह्न जिनसे सामुद्रिक में अनेक प्रकार के शुभाशुभ फल निकाले जाते हैं
  • फेरा , भ्रमण , घुमाव , चक्कर

    उदाहरण
    . कालचक्र के प्रभाव से सब बातें बदला करती हैं।

  • दिशा , प्रांत

    उदाहरण
    . कहै पद्माकर चहौं तो चहूं चक्रन को चीरि डालौं पल में पलैया पैज पन हौं । पद्माकर (शब्द॰) । २२

  • एक वर्णवृत का नाम जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः एक भगण, तीन नगण और फिर लघु, गुरु होते हैं , जैसे—भौननि लगत न कतहुँ ठिकनवाँ , राम विमुख रहि सुख मिल कहवाँ
  • धोखा , भुलावा , जाल , फरेब
  • चक्रव्यूह
  • सैनिकों द्वारा राइफल या बंदूक से एक साथ गोली चलाना , बाढ़ , राउंड
  • एक विशेष पद

चक्र से संबंधित मुहावरे

चक्र के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • पहिया

    उदाहरण
    . चहीं तो चहूँ चक्रन को चोरि डारौं ।

  • कुम्हार का चाक
  • सुदर्शन चक्र
  • चक्की
  • कोल्हू
  • जल-भँवर
  • बवंडर
  • सेना का दल
  • दल
  • सैनिक-व्यूह
  • मंडल
  • हाथ की हथेली और पैर के तलवे में चक्र के आकार का चिह्न,
  • चकवा
  • दिशा
  • राज्य , प्रदेश
  • धोखा
  • अभिसंधि , षडयंत्र

चक्र के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • चाक
  • पहिआ
  • wheel.
  • वृत्त, मण्डल
  • आवृत्ति, पर्याय-क्रम
  • समवाय. संघात

Noun

  • disc.
  • cricle.
  • cycle, cyclic order.
  • system, body.

अन्य भारतीय भाषाओं में चक्र के समान शब्द

उर्दू अर्थ :

पहिया (चक्कर) - پہیا‏، چکر

चक्र, चक्कर - چکر‏، چکر

तमग़ा (चक्र) - تمغہ (چکر)

पंजाबी अर्थ :

चक्का - ਚੱਕਾ

चक्कर - ਚੱਕਰ

गुजराती अर्थ :

चक्र - ચક્ર

पैडुं - પૈડું

चकरडुं - ચકરડું

सुदर्शन-चक्र - સુદર્શન-ચક્ર

चंद्रक - ચંદ્રક

चांद - ચાંદ

कोंकणी अर्थ :

चक्र

चाक

पदक

तसरीप

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