चरुआ

चरुआ के अर्थ :

  • अथवा - चरुई

चरुआ के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • पीनी रखबाक बासन

Noun

  • a pot for keeping पीनी।

चरुआ के हिंदी अर्थ

चरवा

देशज ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का बढ़िया और मुलायम चारा , घम्मन

    विशेष
    . यह खेत या खेत की जमीन में बारहो माल अधिकता से उत्पन्न होता है । बैल और घोड़े इसे बड़े चाव से खाते हैं । कही कहीं वह गायों और भैसों को उनका दुध बढ़ाने के लिये भी दिया जाता है ।

  • एक बर्तन का नाम, ताँबे या पीतल का एक पात्र

    उदाहरण
    . शिष्य एक भूमि कौ ताम्र विकारा ताके पात्र कहावहिं । पुनि चरवा चरई तष्टी तुषला झारी लोटा गावहिं ।

  • चौड़े मुंहवाला मिट्टी का वह बरतन जिसमें प्रसूता स्त्री के लिए औषध मिला जल पकाया जाता चरुका-. स्त्री० [सं० चरु + कन्-टाप्] एक प्रकार का धान
  • बड़े मिट्टी के बर्तन, एक प्रकार का बढ़िया मुलायम चारा जो बारहों महीने अधिकता से उत्पन्न होता है

चरुआ के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • मिट्टी का चौड़े मुंह का बरतन ; वह पात्र, जिसमें जच्चा के लिए पानी गर्म किया जाता है

चरुआ के मगही अर्थ

चरुई

संज्ञा

  • मिट्टी का चौड़े मुँह का घड़ा; अन्नादि रखने या भात बनाने का मिट्टी का बरतन

चरुआ के मालवी अर्थ

चरवा

क्रिया

  • चरने के लिए

संज्ञा

  • मटका, गगरा

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